गुरुपूर्णिमा पर दादाजी धाम में उमड़ी अपार आस्था, ध्वस्त हो गए रिकॉर्ड
पांच लाख को पार कर गया भक्तों का आंकड़ा। रेलवे स्टेशन से लेकर दादाजी धाम तक सड़कें दादाजी भक्तों से पटी रहीं। कतार में लगे तो डेढ़ से दो घंटे में हो पाए दर्शन, देर रात तक चला दर्शनों का सिलसिला।
Dadaji Dhuniwale Darbar Khandwa on Guru purnima Mahotsava
खंडवा. अवधूत संत धूनीवाले दादाजी के दरबार में चार दिनी गुरुपूर्णिमा के आखिरी दिन शनिवार को 24 घंटे में दो लाख भक्तों ने दर्शन किए। इसके साथ ही आंकड़ा पांच लाख को पार कर गया है। इस बार भक्तों की संख्या ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। शहर की सड़कों पर अलसुबह से ही बड़ी संख्या में भक्त जुटने लगे थे। मप्र और महाराष्ट्र के भक्तों का कारवां एेसा उमड़ा कि दोपहर में सड़कों पर सिर्फ सिर ही नजर आ रहे थे। रेलवे स्टेशन, बॉम्बे बाजार, घंटाघर, नगर निगम, जलेबी चौक, शनि मंदिर, गण्ेाश गोशाला से लेकर दादाजी धाम तक भक्तों का रैला लगा रहा। बता दें कि गुरुवार से रविवार तक यहां उत्सव मनाया गया। मुख्य दिवस शनिवार को भी श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा था।
खंडवा ने दिया सेवा का अनूठा उदाहरण
देशभर से आने वाले दादाजी भक्तों की अगवानी के लिए खंडवा शहरवासी मेजबान की भूमिका में नजर आए। दो दिन से यहां 450 भंडारे व इतने ही स्टॉल से लोगों को भोजन, स्वल्पाहार में 56 तरह के व्यंजन नि:शुल्क प्रसादी के रूप में मिले। करीब 200 जत्थों ने निशान अर्पित किए।
एेसे चला उत्सव…
86 वां गुरुपूर्णिमा उत्सव मनाया गया
04 दिनी उत्सव की पूर्णाहुति रविवार को हुई
450 भंडारे व इतने ही स्टॉल से लोगों को भोजन
56 तरह के व्यंजन नि:शुल्क प्रसादी के रूप में मिले
200 करीब जत्थों ने निशान अर्पित किए उत्सव में
05 लाख से ज्यादा भक्तों ने उत्सव के दौरान किए दर्शन
छोटे सरकार आएंगे, जा सकते हैं महादेवगढ़
धूनीवाले दादाजी आश्रम खेड़ीघाट (बड़वाह) के प्रमुख रामेश्वरदयाल महाराज उर्फ छोटे सरकार सोमवार को खंडवा आएंगे। वे यहां समाधि दर्शन कर पंडितों की मौजूदगी में हवन करेंगे। इसके बाद कोमलभाऊ से मिलेंगे। छोटे सरकार का नवकार नगर, हुकुमचंद यादव के निवास पर शोक संवेदना व्यक्त करने और महादेवगढ़ जाने का भी प्रस्तावित कार्यक्रम है।
ट्रेनों में उमड़ी भीड़, स्टेशन पड़ा छोटा
खंडवा रेलवे जंक्शन पर रविवार दोपहर दादाजी धाम आए श्रद्धालुओं से खचाखच भरी ट्रेनें आईं। रेलवे ट्रैक पर भी सैकड़ों की संख्या में यात्री खड़े थे। य स्थिति ऐसी कि ट्रैक भी सड़क में तब्दील था। स्टेशन परिसर में हर तरफ लोगों की भीड़ नजर आ रही थी। गाड़ी रुकने के पहले ही बोगियों में पैर रखने की जगह नहीं बची। बावजूद इसके बोगी में पहुंचने के लिए कोई आपातकालीन खिड़की से घुसा तो कोई एसएलआर बोगी में ही जा घुसा। इतना ही नहीं गेट पर बोगी में चढऩे को लेकर जमकर मारामारी हुई। कुछ यात्रियों के बीच तूं-तूं, मैं-मैं भी हुई। गाड़ी खड़ी होने के 5 मिनट बाद ही ट्रेन की किसी भी बोगी में घुसने की हिम्मत नहीं जुटा पाए यात्री। हालात ऐसे की बोगियों के गेट पर लटककर सफर करने तैयार हुए यात्री। वहीं कुछ यात्री जगह नहीं मिलने पर निराश होकर वापस प्लेटफॉर्म पर लौट आए और अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए दूसरी ट्रेन का इंतजार करते नजर आए।