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क्या है फैसले का मकसद?
बता दें कि, जिले में कुल 260 फुटकर एवं थोक दवाओं की 80 रजिस्टर्ड दुकानें हैं। इन सभी मेडिकल स्टोर संचालकों और केमिस्टों को खाद्य और औषधि नियंत्रक के आदेश को जिला मेडिकल एसोसिएशन ने वॉट्सएप के माध्यम से भेज दी है। डॉ. आकाश वर्मा ने बताया कि, इस फैसले का उद्देश्य सिर्फ मौजूदा समय में दुनियाभर में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस की सतर्कता के मद्देनजर है। क्योंकि, अगर आप सर्दी, खांसी और सांस की तकलीफ से जुड़ी कोई दवा बिना चिकित्सकीय सलाह के सीधे मेडिकल स्टाेर से लेते हैं ताे इससे केमिस्ट को ये समझ पाना मुमकिन नहीं होगा कि, आखिरकार आप एलर्जी से ग्रस्त है या फिर बदले माैसम का शिकार हैं।इसलिए इस तरह के लक्षण होने वाले व्यक्ति को पहले ये सुनिश्चित करने की जरूरत है कि, ऐसी स्थिति में वो डाॅक्टर से सलाह जरूर लें। इससे हम किसी जानलेवा संक्रमण को लेकर सतर्क रहेंगे।
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अस्थमा और सांस के राेगियाें काे वायरस का खतरा ज्यादा
ये बात तो अब सभी जानते हैं कि, चीन से फैले कोरोना वायरस के शुरुआती लक्षण सर्दी, खांसी और बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ ही होती है। ये संक्रमित रोग ग्रस्त व्यक्ति के खांसने-छींकने से भी फैलता है। वैसे तो कोरोना वायरस किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन इनमें मुख्य रूप से कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग, बुजुर्ग, बच्चे या गर्भवती महिलाओं पर आसानी से असर होता है। इसके साथ ही, डायबिटीज, अस्थमा एवं अन्य सांस की बीमारी के मरीजों में इसके संक्रमण होने की संभावना अन्य व्यक्तियों की तुलना में अधिक होती है।
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दवा विक्रेताओं को दिए गए हैं ये खास निर्देश