इन धाराओं में सजा: धारा-302 में मृत्युदंड और धारा 363, 366, 377 में 7-7 वर्ष का कारावास व 2000-2000 रुपए का अर्थदंड।
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कोर्ट का आदेश
सुप्रीम न्यायालय ने कहा, घटना के समय आरोपी 21 वर्षीय युवक था। अब उसकी आयु 31 वर्ष है, आरोपी के प्रति दयापूर्वक विचार किया जाना उचित नहीं होगा। कोर्ट ने मामले को विरलतम श्रेणी का मानकर आरोपी की पूर्व दोष सिद्धि को देखते हुए आजीवन कारावास का दंड दिया जाना पर्याप्त नहीं माना और मृत्युदंड दिया जाना आवश्यक माना गया।
ये था मामला
केस छैगांवमाखन थाना अंतर्गत गांव का है। आरोपी अनोखीलाल पिता सीताराम ने बालिका का अपहरण कर बलात्कार किया और फिर उसकी हत्या कर दी थी। 1 फरवरी को बालिका का शव एक खेत में मिला था। डीएनए जांच के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया था।
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