जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला बोड़ला थाना क्षेत्र का है। जहां मुआवजा राशि के बंटवारे को लेकर हुए पारिवारिक विवाद में छोटे भाई ने अपने ही बड़े भाई की निर्मम हत्या कर दी। पुलिस ने इस घटना को अत्यधिक गंभीरता से लेते हुए तत्परता से कार्यवाही की और 24 घंटे के भीतर ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
रघ्घुपारा निवासी प्रार्थी काशीराम मेरावी ने रिपोर्ट दर्ज कराया कि उसके दो पुत्र गोपाल मेरावी और भागबली मेरावी के बीच जमीन के मुआवजे के बंटवारे को लेकर लंबे समय से मतभेद था। 5 नवम्बर 2024 की शाम लगभग 6.30 बजे गोपाल अपने छोटे भाई भागबली से बंटवारे के पैसे मांगने के लिए घर आया। इसी दौरान दोनों के बीच गरमागरम बहस हुई, जो शीघ्र ही हिंसक संघर्ष में बदल गई। आवेश में आकर भागबली ने पास में रखे लोहे की कुदाली से गोपाल के सिर पर प्राणघातक प्रहार किया, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई।
हत्या के बाद आरोपी तुरंत वहां से फरार हो गया।
पुलिस ने आरोपी को दबोचा
घटना की सूचना मिलते ही थाना प्रभारी निरीक्षक राजेश चंड के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस टीम गठित की गई। वहीं आरोपी की तलाश में पुलिस टीम रवाना किया गया। मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपी गन्ने के खेत में छिपा हुआ है। पुलिस टीम ने गन्ने के खेत को चारों ओर से घेरकर आरोपी को पकड़ने का प्रयास किया। पुलिस को देखते ही आरोपी ने भागने की कोशिश किया, लेकिन पुलिस टीम ने सतर्कता से उसे दौड़ाकर पकड़ लिया। इस दौरान आरोपी ने पुलिस पर हमला करने की भी कोशिश की परन्तु पुलिस ने संयम और साहस से उसे काबू में कर लिया।
पुलिस ने आरोपी से घटना में प्रयुक्त कुदाली को जप्त कर लिया है। मृतक गोपाल मेरावी के शव का पंचनामा बनाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बोड़ला में पोस्टमार्टम कराया गया। आरोपी भागबली मेरावी के खिलाफ धारा 103(1), 238(क) बीएनएस के तहत अपराध पंजीबद्ध कर उसे न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। इस कार्रवाई में प्रधान आरक्षक कामता प्रसाद, उमांशकर नाग, आरक्षक रतिराम यादव, रामचंद्र चंद्रवंशी, संतोष राज, सुरेश धुर्वे, पवन वर्मा, अमर पटेल का योगदान रहा।