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शीतलहर के प्रभाव से बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्तियों और लंबे समय तक बाहर रहने वालों को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं का सामना हो सकता है। ऐसे में यह अत्यंत आवश्यक है कि हम अपनी सेहत का ध्यान रखें और ठंड से बचने के लिए जरूरी कदम उठाएं।
मुख्य चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.बीएल राज ने जिले के सभी नागरिकों से सर्दी के इस मौसम में सावधानियां अपनाने जानकारी साझा किया है। सर्दी का मौसम स्वास्थ्य समस्याओं के अलावा दुर्घटनाओं का भी कारण बन सकता है। इसलिए सर्दी के इस मौसम में अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
सर्दी से बचने के लिए हमेशा गर्म कपड़े पहनें। खासकर सिरए हाथए और पैरों को ढक कर रखें क्योंकि शरीर के इन हिस्सों से सबसे अधिक गर्मी निकलती है। यदि आप बाहर जा रहे हैंए तो गहरे रंग के कपड़े पहनें क्योंकि गहरे रंग सूरज की गर्मी को अवशोषित करने में मदद करते हैं। ठंड के मौसम में शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
इसके लिए पौष्टिक आहार लें जैसे कि ताजे फ ल, हरी सब्जियां, नट्स, दालें आदि। इसके अलावा गर्म तरल पदार्थ जैसे सूप, चाय, दूध और अदरक का सेवन करेंए जो शरीर को अंदर से गर्म रखते हैं। हाइपोथर्मिया एक ऐसी स्थिति होती है जब शरीर का तापमान सामान्य से बहुत कम हो जाता है। यदि शरीर में अकड़न, कांपना, या थकान महसूस हो तो तुरंत गरम स्थान पर चले जाएं और गर्म कपड़े पहनें।
सर्दी का मौसम में बदलाव के साथ ही स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है। विशेष रूप से जब कोल्ड वेव(शीत लहर) की स्थिति उत्पन्न होती है तो यह शारीरिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती है।
स्वास्थ्य सबंधित समस्याओं पर ध्यान दें
यदि ठंड के कारण बुखार, जुकाम, खांसी, सांस लेने में कठिनाई या दर्द का अनुभव हो, तो इसे नजर अंदाज न करें। तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। समय पर उपचार से सर्दी, खांसी, और फ्लू जैसे सामान्य रोगों से बचाव किया जा सकता है। बच्चों और बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है और वे जल्दी सर्दी से प्रभावित हो सकते हैं। उन्हें पर्याप्त गर्म कपड़े पहनाएं, उनका ख्याल रखें और उन्हें ठंडी हवा से बचाएं।