Kawardha News: यहां होने वाली जांच के संबंध में कुछ गड़बड़ियां होने की शिकायतें मिली थी। इस संबंध में प्रारंभिक तौर पर कार्रवाई की गई है और सेंटर को अगले आदेश तक के लिए सील कर दिया गया है। यहां बैठने वाले पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर और उनके स्टाफ के बारे में जानकारी मांगी गई है। इसके आधार पर आगे की
कार्रवाई की जाएगी।
Kawardha News: डॉक्टर के लाइसेंस पर रहे हैं एक से अधिक लैब संचालित
डॉक्टर अपने जवाब से स्वास्थ्य विभाग को संतुष्ट नहीं कर पाते हैं तो लैब को संचालित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने लैब के शटर को डाउन कर दिया है और यहां ताला लगाकर सील कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई से लैब संचालन में गड़बड़ी करने वाले डॉक्टरों की चिंता बढ़ गई है। गौरतलब है कि कोरबा जिले में बड़ी संख्या में पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर डायग्नोस्टिक सेंटर का संचालन करते हैं। कई जगह एक ही डॉक्टर के लाइसेंस पर एक से अधिक लैब संचालित हो रहे हैं और
डॉक्टरों के डिजिटल हस्ताक्षर के जरिए रिपोर्ट दी जा रही है।
Kawqrdha News: इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही थी और मामला सही पाए जाने पर विभाग की ओर से यह कार्रवाई की गई है। विभाग की ओर से बताया गया है कि आने वाले दिनों में कोरबा जिले में संचालित सभी डायग्नोस्टिक सेंटर से जानकारी मांगी गई है। लैब संचालकों से कहा गया है कि अपने यहां नियुक्त डॉक्टर और लैब में काम करने वाले
कर्मचारियों की सूची, उनकी शैक्षणिक योग्यता से संबंधित सभी दस्तावेज स्वास्थ्य विभाग के पास प्रस्तुत करें ताकि इसकी जांच की जा सके।
स्वास्थ्य विभाग ने बीएमओ से मांगी जानकारी
स्वास्थ्य विभाग ने पैथोलॉजी लैब के साथ-साथ झोलाछाप डॉक्टरों पर भी कार्रवाई करने का मन बनाया है। इस संबंध में जिले के सभी विकासखंड के चिकित्सा अधिकारियों को पत्र लिखकर उनके क्षेत्र में कार्य करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों की सूची मांगी गई है। उनसे यह भी पूछा गया है कि क्या झोलाछाप डॉक्टरो कोई क्लीनिक खोल रखा है या अपने घर में ही इलाज कर रहे हैँ। इसके अलावा डॉक्टरों के नाम, पता, उनकी योग्यता के बारे में भी जानकारी मांगी गई है। खंड चिकित्सा अधिकारियों के साथ-साथ कोरबा नगर निगम क्षेत्र में भी झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई होनी है। इसकी तैयारी भी विभाग की ओर से शुरू की गई है। शहर में जगह-जगह क्लीनिक खोलकर इलाज करने वालों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि ये जानकारी उपलब्ध होने के बाद
झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि कोरबा जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहद कमी है और इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
झोलछाप डॉक्टरों की बढ़ती जा रही संख्या
झोलाछाप डॉक्टरों ने शहर से ज्यादा पैठ ग्रामीण क्षेत्रों में बनाई है और उनके द्वारा सामान्य बीमारियों के साथ-साथ कई बार गंभीर बीमारियों का भी इलाज कर दिया जाता है, इसमें रोगी की जान तक चली जाती है। झोलाछाप डॉक्टरों के चंगुल में फंसकर मरीज की मौत या अन्य गंभीर बीमारी होने की शिकायतें भी
स्वास्थ्य विभाग को समय-समय पर मिलती है। मगर विभाग की ओर से कार्रवाई नहीं की जाती। इस कारण झोलछाप डॉक्टरों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब स्वास्थ्य विभाग इनकी संख्या का पता लगा रहा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कोरबा के डॉ. एसएन केसरी गड़बड़ी की शिकायत पर कटघोरा के एक डायग्नोस्टिक सेंटर को सील किया गया है। डॉक्टर को नोटिस देकर जानकारी मांगी गई है। इसके अलावा झोलाछाप डॉक्टरों के संबंध में भी जानकारी जुटाई जा रही है। इसे लेकर संबंधित क्षेत्र के बीएमओ को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।