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चेक बाउंस मामले में HC का बड़ा फैसला, 6 लाख के लिए 19 साल लड़ना पड़ा मुकदमा, अब आरोपी को मिली ये सजा बोड़ला एसडीओपी अखिलेश कौशिक ने बताया कि इसमें बैंक कर्मचारी प्रतीक उइके ने एक डॉर्मेंट खाते के सीआईएफ नंबर में छेड़छाड़ कर मृतक दीपा अहिरवार के नाम से फर्जी आवेदन तैयार किया। आरबीआई से राशि क्लेम कर एटीएम कार्ड जारी करवाकर 1 लाख 46 हजार रुपए की ठगी की गई। मामले में
आरोपी प्रतीक उइके(तात्कालीन कैशियर), संजय प्रकाश पिता स्व.बीरसिंह जरीके(तात्कालीन ब्रांच मैनेजर), निशांत कुमार पिता अखिलेश झा और सूरज पिता जितेंद्र शर्मा के खिलाफ धारा 420, 409, 467, 468, 471, 34 दर्ज किया गया।
मामले की प्रारंभिक जांच में ही पता चल गया कि बैंक में फर्जी
आवेदन व एटीएम के जरिए रुपए निकाल गए है। इसके चलते ही बोड़ला पुलिस ने आरोपी कैशियर प्रतीक उइके को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा। वहीं अन्य अन्य आरोपियों के खिलाफ सबूत एकत्रित किए गए। 17 दिसंबर 2024 को आरोपी तात्कालीन ब्रांच मैनेजर संजय प्रकाश जरीके, सूरज शर्मा, निशांत कुमार को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
फिक्स्ड डिपॉजिट की 2.40 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिया
थाना प्रभारी बोड़ला राजेश चण्ड ने बताया कि बोड़ला एसबीआई के हीएक और प्रकरण में महिला मंगली बाई के डॉर्मेंट खाते से 82 हजार रुपए की निकासी की गई। इसके लिए मंगली बाई के नाम पर फ र्जी एटीएम कार्ड बनवाया गया और 40 हजार रुपए नगद निकाले गए। जबकि 40 हजार रुपए फू ल सिंह नामक व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर कर ग्रीन चैनल के माध्यम से निकाला गया। इसके अलावा छितर सिंह के फिक्स्ड डिपॉजिट की 2 लाख 40 हजार रुपए की राशि को मंगली बाई के खाते में ट्रांसफ र कर निकाला गया। इस मामले में आरोपी सूरज पिता जितेंद्र शर्मा और निशांत कुमार पिता अखिलेश झा के खिलाफ धारा 420, 409 के तहत दर्ज किया गया। थाना प्रभारी बोड़ला राजेश चण्ड ने बताया कि मुख्य आरोपी प्रतीक उइके को पहले ही गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा जा चुका है।
बैंक के सभी डेड खातों की जांच अब आवश्यक हो चुका
बोड़ला बैंक के तात्कालीन ब्रांच मैनेजर और कैशियर द्वारा कितने लोगों के खातों से रुपए निकाल लिए होंगे इसकी जांच भी आवश्यक है। क्योंकि जिस मामले की शिकायत हुई उस जांच हुई, लेकिन इस तरह और न जाने कितने प्रकरण हो सकते हैं। दूसरी ओर जो कर्मचारी मामले को दबाने में लगे रहे उसके खिलाफी भी मामला दर्ज होना चाहिए। वहीं शिकायत पर कार्रवाई नहीं करने वाले बैंक मैनेजर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होनी चाहिए। कबीरधाम पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने कहा बैंकिंग प्रणाली का दुरुपयोग कर जनता को ठगने वाले अपराधियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से इस संगठित ठगी का पर्दाफाश हुआ है।
यह रहा पूरा प्रकरण प्रार्थी अशोक हठीले ग्राम बांधाटोला बोड़ला की दादी स्व.दीपाबाई अहिरवार के नाम से एसबीआई बोड़ला में खाता संचालित है। खाते में 1 लाख 46 हजार 400 रुपए जमा थे। 18 नवंबर 2022 को दीपा बाई की मृत्यु हो गई। महिला की मृत्यु के बाद अज्ञात व्यक्ति ने सेल्फ विड्राल भरकर उनके खाते से दो बार में रुपए निकाल लिए। इसकी जानकारी परिजन को हुई तो थाने में शिकायत की। बोड़ला पुलिस ने बैंक के पूर्व कैशियर प्रतीक उइके के खिलाफ एफ आईआर दर्ज किया और छानबीन शुरु की।
तब कहीं जाकर मामले का खुलासा हो सका। वहीं प्रार्थिया मंगली बाई पति केवल सिंह निवासी ग्राम भुरसीपकरी ने अपने खाते में 82 हजार 100 रुपए जमा किए थे। 30 नवंबर 2023 को खाते से अज्ञात व्यक्ति ने पूरी राशि निकाल ली। इसकी शिकायत बैंक में किया गया, लेकिन वह घूमाते रहे। इसके बाद और शिकायत हुई तब पुलिस ने एक साथ दोनों मामले की जांच शुरु की।