अस्पतालों की ओपीडी में सुबह से ही मरीज कतारबद्ध होते नजर आ रहे हैं। साथ ही कई बार स्थिति गंभीर होने पर मरीजों को भर्ती करने की जरूरत पड़ जा रही है। ऐसे में मौसम को देखते हुए लोगों को सेहत का ध्यान रखना होगा, नहीं तो स्थिति गंभीर हो सकती है। साथ ही इन दिनों जो मरीज अस्पताल पहुंच रहे उसमें से करीब 20 फ ीसदी मौसमी वायरल से पीड़ित मिल रहे हैं। ऐसे में डाक्टरों की मानें तो अचानक बारिश व धूप होने के कारण उमस बढ़ जा रहा है, जिसके चलते वायरल इंफेक्शन का खतरा बढ़ गया है जिससे लूज मोशन और कमजोरी जैसे समस्या सामने आ रही है।
इस संबंध में जिला अस्पताल के डाक्टरों के अनुसार बच्चे व बुजुर्गो को वायरल इंफेक्शन जल्दी होता है, जिससे सर्दी, खांसी, बुखार से पीड़ित होकर लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। पहले की अपेक्षा अब ओपीडी की संख्या में लगातार इजाफ ा हो रहा है। हालांकि चार-पांच दिन दवाई लेने के बाद ठीक भी हो जा रहे हैं, जिससे फिलहाल ज्यादा गंभीर स्थिति देखने को नहीं मिल रही है।
सावधानी बरतने की जरूरत इस संबंध में अस्पताल के डाक्टरों की मानें तो कभी बारिश तो कभी धूप होने के कारण लोगों के सेहत पर असर पड़ रहा है। ऐसे में काफ ी सावधानी बरतने की जरूरत है। साथ ही बरसात के दिनों में पानी पर विशेष ध्यान रखें साथ ही अगर हो सके तो बरसात भर पानी को उबालकर सेवन करें, क्योंकि पानी के चलते ही कई तरह के बीमारी होती है। साथ ही जंक फूड सहित बाहरी खाद्य पदार्थों को खाने से परहेज करना चाहिए। वहीं इन दिनों बाजार में कई तरह पुटु व मशरूम भी आ रहे हैं जो सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसे में जो सही हो उसी का सेवन करें ताकि सेहत को नुकसान न पहुंचे।
अस्पताल पहुंचे मरीज इस मौसम में सबसे ज्यादा बच्चे व वृद्ध सर्दी, खांसी, बुखार सिर दर्द जैसी बीमारियों की समस्या लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं, जिससे जिला अस्पताल व निजी अस्पताल की ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। डाक्टरों का कहना है कि अगर आईफ्लू, सर्दी-बुखार या उल्टी-दस्त की समस्या हो तो तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में जाकर विशेषज्ञों से जांच कराएं, ताकि समय से उपचार हो सके।
साथ ही बरसात के मौसम में खान-पान पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि इस समय बाहर के खाद्य पदार्थ भी दुषित हो जाता है जिसके चलते डायरिया जैसी शिकायत हो सकती है।