CG Govt School: टॉयलेट की सफाई..
शासकीय उच्च्तर माध्यमिक विद्यालय दुल्लापुर बाजार के विद्यार्थी सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे। वहां पर विद्यार्थियों ने प्राचार्य पर गंभीर आरोप लगाते हुए विद्यालय में बहुत ही अनिमियता व अव्यवस्था की बात कही। शिकायत में विद्यार्थियों ने बताया कि उनके स्कूल में चपरासी और अंशकालीन सफाई कर्मचारी है बावजूद छात्र-छात्राओं से ही विद्यालय के टॉयलेट और बाथरूम साफ करवाए जाते हैं।
यह गंभीर विषय है कि स्कूल में कर्मचारी होने के बाद भी
विद्यार्थियों से इस तरह से कार्य कराए जाते हैं। विद्यार्थियों ने यह भी बताया कि किसी कार्य का विरोध किया जाता है तो प्राचार्य द्वारा छात्र-छात्राओं को टीसी काटने की धमकी दी जाती है। ऐसे में विद्यार्थी डरे सहमे रहते हैं। लेकिन जब परेशानी सिर से ऊपर पहुंच गया तो विद्यार्थियों ने अपनी चुप्पी तोड़ी और शिकायत लेकर सीधे कलेक्टर से मिलने पहुुंचे।
देते हैं टीसी काटने की धमकी
वहां पर प्रशासनिक
अधिकारी को अपनी पूरी बात बताई। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी योगदास साहू ने कहा कि मामले की शिकायत पर जांच टीम भेजी जाएगी। जांच रिपोर्ट के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। विद्यार्थियाें ने शिकायत में यह भी बताया कि विद्यालय के पढ़ाई अत्यंत सोचनीय का विषय है क्योकि यहां दो-चार शिक्षक पढ़ाते है अन्य शिक्षक कभी-कभी पढ़ाते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि विद्यालय में आजतक प्रेक्टिकल नहीं कराया गया जबकि विद्यालय में प्रयोगशाला है जहां संपूर्ण सुविधाएं हैं। आश्चर्य की बात है स्कूल में प्रयोगशाला में पूर्ण सुविधा होने के बाद भी प्रेक्टिकल नहीं कराया जाता, जबकि अन्य स्कूल में प्रयोगशाला और सुविधाओं की मांग की जाती है। जहां पर यह सुविधा नहीं है वहां जैसे-तैसे काम चलाया जा रहा है।
प्राचार्य की शिकायत
विद्यार्थियों ने प्राचार्य की शिकायत की कि कभी भी विद्यालय समय पर नहीं पहुंचते। कभी आ जाते हैं तो हस्ताक्षर करके चले जाते हैं। वहीं छात्राओं के लिए विद्यालय में पैड मशीन लगा है उसको आज तक चालू नहीं करवाया जा सका है। विद्यार्थियों ने प्राचार्य के विरूद्ध कार्रवाई करने और विद्यालय की स्थिति सुधारने की मांग की।
विद्यार्थियों ने चेतावनी भी दि कि निश्चित समय पर कार्यवाही नहीं की गई तो वह उग्र आन्दोलन करेंगे।
स्थिति बदहाल
शासकीय स्कूल में ढेरों समस्याएं हैं। जहां पर प्राचार्य और शिक्षक बच्चों के भविष्य की चिंता करते हैं वहां की समस्याओं को दूर किया जाता है लेकिन इनकी संया कम है। दूसरी ओर जिला शिक्षा अधिकारी,
विकासखंड शिक्षा अधिकारी, सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी, समन्वयक, संकुल प्रभारी है लेकिन इनके द्वारा विद्यालयों का समय-समय पर निरीक्षण ही नहीं किया जाता है जिसके कारण इन्हें स्कूल की समस्याओं, सुविधा की कमी का पता ही नहीं चलता।