मासूम देविका की तड़पकर हो गई मौत..
लोग आज भी नहीं समझ पा रहे कि सांप डंसने से को झाडफ़ूंक से नहीं हो सकता। बाजवूद अंधविश्वास में जकड़े लोग अस्पताल में उपचार के बजाए झाडफ़ूंक कराते है। देविन पिता सेवाराम साहू (14) निवासी ठाकुराइनटोला थाना बोड़ला सुबह खेत जा रही थी। इसकी दौरान एक सर्प ने डस लिया, जिसकी जानकारी मिलने पर परिजनों ने झाड़-फंूक के लिए ले गए। झाड़ फूंक के चक्कर में बालिका की तबियत और बिगड़ गई। इसके बाद बालिका को परिजनों ने निजी वाहन से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन तब तक काफी देर हो चुका था। जहर पूरे शरीर में फैल चुका था, इसके चलते उसे नहीं बचाया जा सका। पुलिस ने मर्ग कायम किया।
एक नहीं कई देविका हुई अंधविश्वास की शिकार
छत्तीसगढ़ में सांप के कांटने के बाद झाडफ़ूंक कर इलाज करावानें की प्रथा प्रचलित है। बावजूद इसके चक्कर में मौत की खबर सामने आने के बाद भी लोग सबक नहीं ले रहे हैं। छत्तीसगढ़ के दूरस्थ इलाकों में यह प्रथा कफी प्रचलित है। हाल में सामने आई घटना के बाद लोगों का कहना है कि समय पर डॉक्टर की सुविधा नहीं मिलने और पैसे की बचत के चलते लोग बाबाओं के पास झाडफ़ूंक करवाते हैं। आपको बता दें कि प्रदेश में हर साल सांप कांटने के बाद समय पर डॉक्टरी उपचार नहीं मिलने के कारण अब तक कई देविका जैसी बच्ची बेमौत मारी गई।