कौशांबी जिला को इलाहाबाद से काटकर 1997 मे अस्तित्व प्रदान किया गया| बसपा शासनकाल मे कौशांबी जिला जब अस्तित्व मे आया तो उस समय कहा गया कि फ़तेहपुर की खागा तहसील को भी इसके साथ जोड़ा जाएगा| खागा को जोड़ने की कवायद शुरू हुई तो खागा बचाओन संघर्ष समिति के बैनर तले सैकड़ों लोगों ने विरोध शुरू कर दिया| खागा बाजार बंद कर उग्र प्रदर्शन हुआ तो सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए| इसके बाद इलाहाबाद बार्डर के 91 गांवों पर भी संशय के बादल मंडराने लगे| इलाहाबाद जिला प्रशासन की पहल शासन ने 91 जिलों का प्रशासनिक अधिकार कौड़िहार ब्लॉक को दे दिया| जिसे अब कौड़िहार ब्लॉक द्वितीय घोषित कर दिया गया है| कड़िहार ब्लॉक द्वितीय के 91 गांवों का देखरेख प्रयागराज प्रशासन करता है| राजस्व आय भी प्रयागराज के हिस्से मे जाता है| कौशांबी के हिस्से मे सिर्फ पुलिस व स्वास्थ्य व्यवस्था आता है जिसमे खर्च ही खर्च है| प्रयागराज के हिस्से मे आज्ञे 91 गांवों को वापस लाने के बाबत चायल से भाजपा विधायक संजय गुप्ता का कहना है कि कौशांबी जिले के मानक को पूरा करने के लिए वह मुख्यमंत्री के सामने लिखित प्रस्ताव रखेंगे| उन्हे उम्मीद है जिले का मानक पूरा करने के लिए सरकार ठोस कदम उठाएगी|
सामाजिक संगठन स्वामी समर्थ किसान मंच के अध्यक्ष अजय सोनी जिले के मानक को पूरा करने के लिए फ़तेहपुर के धाता ब्लॉक को कौशांबी मे शामिल करने की हिमायत करते हैं| धाता ब्लॉक के लोगों ने समाज कल्याण सेवा समिति बैनर के तहत जिलाधिकारी कौशांबी को पत्र सौप धाता को कौशांबी मे शामिल करने की पुरजोर मांग उठाया| समिति के अध्यक्ष चन्दन सिंह का कहना है कि धाता विकास खंड कौशांबी जिला मुख्यालय से महज 12 किमी दूरी है| जबकि फ़तेहपुर जिला मुख्यालय की दूरी 90 किमी है|
भौगोलिक स्थिति के आधार पर धाता को फ़तेहपुर से अलगकर तहसील का दर्जा देकर कौशांबी मे शामिल करना स्थानीय लोगों के हित मे हैं| सिराथू विधायक शीतला प्रसाद पटेल भी जिले के मानक को पूरा करने के लिए द्फतेहपुर के धाता ब्लॉक को कौशांबी मे शामिल किए जाने की वकालत करते हैं| शीतला प्रसाद भी शासन स्तर पर इस विषय मे शिफारिश की बात कहते हैं|