विजयराघवगढ़ विधानसभा मतगणना स्थल में भाजपा प्रत्याशी संजय पाठक के पुत्र यश पाठक सुबह से ही डटे रहे। पहला राउंड होते ही संजय को 1558 मतों की बढ़त मिली तो कार्यकर्ताओं ने जयश्री राम के नारे लगाने शुरू कर दिए। इसके बाद नारे लगते रहे और संजय जीत की ओर बढ़ते गए। नौवें राउंड में संजय 10 हजार 12 मतों से आगे निकल गए। इस राउंड तक संजय को 42 हजार 958 तो कांग्रेस के नीरज सिंह को 32946 वोट मिले। समर्थक उत्साह मनाने लगे। दोपहर बाद संजय पाठक भी मतगणना स्थल पहुंचे और समर्थकों का उत्साह बढ़ाया। 20 वें अंतिम राउंड तक संजय को 98, 010 व नीरज को 73664 वोट मिले। संजय ने 24, 346 मतों से जीत दर्ज की।
क्षेत्र में सक्रियता से मिली जीत
चार बार से विधायक संजय पाठक की क्षेत्र में लगातार सक्रियता जीत की वजह बनी। गांव-गांव लोगों से संपर्क और स्थानीय समस्याओं का त्वरित निराकरण करना लोगों को फिर रास आया। लाड़ली बहना योजना ने भी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मुद्दे दरकिनार, फिर कमान
क्षेत्र में बेरोजगारी, पलायन, जलसंकट सहित अन्य मुद्दों को दरकिनार करते हुए जनता ने फिर संजय पाठक को क्षेत्र के विकास के लिए विधायक बनाकर कमान सौंपी है। भाजपा के कई बागी कांग्रेस के साथ मिलकर भी संजय को मात नहीं दे सके। कांग्रेस का पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार वोट प्रतिशत भी घट गया। हैरानी की बात है कि कुल 13 प्रत्याशियों में से नोटा तीसरे पायदान पर रहा।
मैं वचन देता हूं
उद्योगों की स्थापना कराई जाएगी। नर्मदा व महानदी का पानी किसानों के खेतों तक पहुंचेगा। हर 8-10 किसानों के बीच में ट्रांसफार्मर की स्थापना व युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करेंगे।
-संजय सतेन्द्र पाठक, भाजपा
यहां देखें MP Election 2023 Live Update : https://www.facebook.com/Patrikamadhyapradesh/videos/1083569552651432
विजयराघवगढ़ विधानसभा सीट के बीजेपी विधायक संजय पाठक देशभर में अपनी अलग ही पहचान रखते हैं। वे मप्र के सबसे अमीर विधायकों में शामिल हैं। इससे पहले संजय पाठक शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री भी रहे हैं और विजयराघवगढ़ सीट से अब तक 4 बार चुनाव जीत चुके हैं। विजयराघवगढ़ सीट का मुकाबला इस बार शानदार होने के आसार हैं क्योंकि दिग्गज नेता संजय पाठक के पिता सत्येंद्र पाठक को चुनाव हराने वाले ध्रुव प्रताप अब बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।
कितने मतदाता
2018 के विधानसभा चुनाव में विजयराघवगढ़ विधानसभा सीट पर 14 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला हुआ था। इनमें बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला था। बीजेपी के संजय पाठक को तब 79,939 वोट मिले तो, कांग्रेस की पद्मा शुक्ला को 66,201 वोट मिले थे। तब विजयराघवगढ़ विधानसभा सीट पर कुल 2,07,316 वोटर्स थे। इनमें पुरुष वोटर्स की संख्या 1,08,866 थी तो, महिला वोटर्स की संख्या 98,448 थी। इसमें कुल 1,63,156 मतदाताओं ने वोट डाले थे।
राजनीतिक इतिहास
विजयराघवगढ़ सीट के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो, यहां पर ज्यादातर समय कांग्रेस का कब्जा रहा है। 1990 में बीजेपी को जीत मिली तो, 1993 में कांग्रेस के पास यह सीट चली गई। सत्येंद्र पाठक 1993 के बाद 1998 में भी लगातार दूसरी बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने। सत्येंद्र तब दिग्विजय सिंह की सरकार में मंत्री भी रहे। साल 2003 में बीजेपी के ध्रुव प्रताप सिंह ने सत्येंद्र पाठक को हराकर चुनाव में जीत हासिल की। 2008 में कांग्रेस के टिकट पर संजय पाठक ने जीत हासिल की, फिर 2013 में यही परिणाम रहा, लेकिन 2014 में वह बीजेपी में आ गए। इसके बाद यहां पर उपचुनाव कराया गया। इस चुनाव में संजय पाठक ने बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की। 2018 में एक बार फिर संजय पाठक ने फिर जीत का सेहरा पहना।