सैकड़ों आवेदन कर दिए निरस्त
जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा प्रकरणों को स्वीकृत कर बैंकों को भेजा रहा है लेकिन बैंक प्रकरणों को स्वीकृति ही नहीं दे रहे है। सैकड़ों की संख्या में आवेदनों को निरस्त किया जा रहा है। भगवान बिरसा मुंडा योजना के तहत भेजे गए 70 में से सिर्फ छह प्रकरण स्वीकृत किए गए। इसी तरह टंट्या मामा कल्याण योजना में 165 में 35, संत रविदास योजना में 82 में से 16 व डॉ. भीमराव अंबेडकर योजना में भेजे गए 103 में से सिर्फ 20 प्रकरण बैंकों द्वारा स्वीकृत किए गए। एक भी महिला समूह को नहीं दिया ऋण- अनुसूचित जाति वर्ग की महिलाओं को स्व-सहायता समूह बनाकर उद्यम स्थापित करने के लिए बैंक के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराने सवित्रीबाई फुले स्व-सहायता समूह योजना संचालित है। इस योजना के तहत जिले में बैंकों ने इस वित्तीय वर्ष में भी किसी भी समूह को ऋण नहीं दिया है जबकि विभाग द्वारा करीब 14 प्रकरण बैंकों को स्वीकृति के लिए भेजे गए है। इस योजना में वित्तीय वर्ष का लक्ष्य सात है।
अजा व अजजा वर्ग के लिए संचालित योजनाएंइस योजना का उद्देश्य अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को नवीन उद्यमों की स्थापना हेतु कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराना है। कम ब्याज पर 50 लाख तक नए व्यवसाय के लिए उपलब्ध कराना है।
अनुसूचित जनजाति वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए बनाई गई है। इस योजना के तहत 10 हजार रुपए से 1 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता दी जाती है। योजना के तहत नए उद्यमों के लिए अनुसूचित जाति वर्ग के आवेदकों को वित्तीय सहायता दी जाती है। उद्योग इकाई के लिए 1 से 50 लाख तक रुपए की सहायता दी जाती है।
केवल नए स्वरोजगार के लिए अनुसूचित जाति वर्ग के 18 से 55 वर्ष तक की आयु के आवेदकों को ऋण देना है।
दो स्वरोजगार व दो आर्थिक कल्याण योजनाओं की हकीकतयोजना लक्ष्य बैंकों को स्वीकृत वितरण भेजे प्रकरण
भगवान बिरसा मुंडा 21 70 06 01 टंट्या मामा कल्याण 207 165 35 04 संत रविदास 28 82 16 01 डॉ. भीमराव अंबेडकर 70 103 20 02 कुल 326 420 77 08
स्वरोजगार व आर्थिक कल्याण योजनाओं में ऋण वितरण को लेकर बैंकों से चर्चा की गई है। स्वीकृत प्रकरणों में ऋण वितरण हो सके, इसके प्रयास किए जा रहे हैं। कलेक्टर के निर्देश पर लापरवाही करने वाले बैंकों के रीजनल प्रबंधकों को भी पत्र लिखा जा रहा है।
पूजा द्विवेदी, जिला संयोजक, आदिम जाति कल्याण विभाग
सभी बैंकों को योजनाओं से संबंधित जानकारी भेजी जा रही है। बैंक प्रबंधकों से चर्चा कर रहे हैं। बैंकों को निर्धारित लक्ष्य के अनुसार ऋण देना अनिवार्य है।
मेजरस किंडो, लीड बैंक प्रबंधक