डेढ़ माह से बिना प्रभारी साइबर सेल
जानकारी के अनुसार जिलेभर के साइबर ठगी के मामलों सहित अपराधिक प्रकरणों में पुलिस की टेक्नीकल सहायत के लिए संचालित साइबर सेल पिछले डेढ़ माह से प्रभारी विहीन है। यहां पहले निरीक्षक संदीप अयाची को प्रभार सौंपा गया था लेकिन डीएसबी का प्रभारी बना दिया गया। इसके बाद उप निरीक्षक उदयभान मिश्रा ने कमान संभाली लेकिन ट्रांसफर के बाद उन्हें 18 अक्टूबर को रिलीव कर दिया गया। इसके बाद से अबतक साइबर सेल प्रभारी विहीन है। हालांकि सोमवार को साइबर सेल के लिए अधिकारी की नियुक्ति कर दी गई है।
ऑनलाइन ठगी के बड़े मामलों के निकाल में भी पुलिस पीछे है। 25 मई 2024 को रेलवे के मकैनिकल इंजीनियर ने हुई 45.77 लाख रुपए की ठगी के मामले में भी पुलिस अबतक ठगों तक नहीं पहुंच सकी है। जानकारी के अनुसार एनकेजे ऑफीसर कॉलोनी निवासी मकैनिकल इंजीनियर अरुण जोशी द्वारा 4 मार्च से 15 अप्रेल 2024 के बीच शेयर मार्केट में रुपए लगाने के लिए एक व्यक्ति से संपर्क किया। व्यक्ति को 45 लाख 77 हजार 853 रुपए भेजे। अज्ञात आरोपी ने उनसे रुपए तो ले लिए, लेकिन वह व्यक्ति शेयर मार्केट में रुपए नहीं लगाए। वापस मांगने पर रुपए भी नहीं लौटाए। रुपए न लौटाए जाने पर अरुण जोशी ने एनकेजे पुलिस से शिकायत की। रेलवे अधिकारी की शिकायत पर अज्ञात पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत प्रकरण दर्ज करते हुए जांच शुरू की गई। जांच निरीक्षक स्तर के अधिकारी को सौंपी गई लेकिन अबतक पुलिस ठगों तक नहीं पहुंच सकी है।
इस तरह की हो रही ठगी
शेयर बाजार में निवेश: ठग शेयर बाजार में रकम निवेश करने और कम समय में रकम दोगुनी करने का झांसा देकर लोगों को फंसा रहे हैं। ये लोग पहले निवेशकों का विश्वास जीतते हैं और फिर उनसे बड़ी रकम हड़प लेते हैं।
माधवनगर निवासी युवती के साथ 32 लाख की ठगी के मामले की जांच चल रही है। युवती के बाहर होने के कारण अबतक एफआइआर दर्ज नहीं की गई है। साइबर सेल के लिए उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारी की आवश्यकता होती है। एसआइ रूपेन्द्र राजपूत को साइबर सेल प्रभारी नियुक्त किया गया है।
अभिजीत रंजन, एसपी।