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कटनी

VIDEO: 8 करोड़ रुपए की खरीदी गई थी घटिया धान, रिजेक्ट होने से हुआ भंडाफोड़

20 अफसरों के जांच दल ने एडीएम को सौंपी रिपोर्ट, बताया 14 हजार क्विंटल अमानक धान, धान जमा करने तीन दिन का मिला अल्टीमेटमट्रांसपोर्टरों को मनमानी पड़ी भारी, लगाई गई 70 लाख रुपए की पेनाल्टी

कटनीJan 20, 2024 / 08:20 pm

balmeek pandey

8 करोड़ रुपए की खरीदी गई थी घटिया धान, रिजेक्ट होने से हुआ भंडाफोड़

8 करोड़ रुपए की खरीदी गई थी घटिया धान, रिजेक्ट होने से हुआ भंडाफोड़

कटनी. जिले में गुणवत्तायुक्त धान खरीदी की चौकसी का दावा धरा का धरा रह गया, केंद्र प्रभारियों ने लगभग 8 करोड़ रुपए की घटिया धान खरीदकर गोदामों में भंडारण के लिए भेज दी थी। 32 हजार 5 क्विंटल धान अमानक पाए जाने पर भोपाल की सर्वे कंपनी आरबी एसोसिएट के सर्वेयरों ने वेयरहाउसों में चार दिनों में रिजेक्ट की तो काली करतूत का भंडाफोड़ हुआ है। इस बड़े खुलासे के बाद विभागों सहित प्रशासन में हडक़ंप है। आनन-फानन में 6 ब्लॉकों में अमानक धान की जांच के लिए 20 अफसरों की टीम गठित की थी, जिसने भी अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट में 1400 एमटी धान घटिया खरीदा जाना पाया गया है।
जानकारी के अनुसार भोपाल की टीम ने 2200 मीट्रिक टन अमानक धान रिजेक्ट की है। जिलेभर में अभी तक 3250 मीट्रिक टन धाने याने कि 7 करोड़ 94 लाख 75 हजार रुपए की घटिया धान खरीदी गई थी। रिजेक्ट हुई धान की जांच करने के लिए 20 अफसरों के दल ने जांच की, जिसमें सभी जगह अमानक स्तर की धान पाई गई है। जांच में 14 हजार क्विंटल धान अमानक मिली है, जो कि अपने आप में बड़ी मात्रा है। 15 जनवरी तक सर्वेयरों ने 1900 मीट्रिक टन धान को रिजेक्ट कर दिया था, जिसे भी ऑनलाइन नहीं चढ़ाया गया था। केंद्र प्रभारी, समिति प्रबंधक विभागीय अधिकारियों से सांठगांव के चलते घटिया धान खरीदकर सरकार को बड़ा चूना लगाने की फिराक में थे। हालांकि अधिकारी भी वास्तविक रूप से रिजेक्ट हुई मात्रा को छिपा रहे हैं, जानकारी को पूरी तरी से स्पष्ट नहीं कर रहे, ताकि धान खरीदी में हुई व्यापक गड़बड़ी से किरकिरी न हो।

तीन दिन का मिला समय, होगी कार्रवाई
रिजेक्ट की गई धान को अपग्रेडे करते हुए समितियों को तीन दिन में वेयरहाउसमें जमा करानी होगी। यदि तय समय में धान को नहीं जमा कराया तो धान समितियों को वापस कर दी जाएगी, इसके बाद किसानों को धान वापस की जाएगी। प्रारंभिक तौर पर विक्रेता, समिति प्रबंधक को नोटिस जारी किया गया है, सभी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। इसके अलावा निगरानी में लगे चारों विभागों नागरिक आपूर्ति निगम, वेयर हाउस प्रबंधन, सहकारिता व खाद्य विभाग के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होगी। हालांकि वेयर हाउस में भंडारित हो गई धान की गुणवत्ता को नहीं परखा जा रहा।

यह है खरीदी की आखिरी स्थिति
जिले में समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीदी के अंतिम दिवस शुक्रवार को 6 हजार 853 क्विंटल धान खरीदी गई है। 49 हजार 875 किसानों ने पंजीयन कराया था, जिसमें से 44 हजार 61 किसानों ने 3 लाख 98 हजार मैट्रिक टन धान उपज बेची है। 3 लाख 31 हजार 670 मीट्रिक टन का भंडारण हो गया है। अभी केंद्रों में 62 हजार 200 मीट्रिक टन परिवहन शेष बचा है। भुगतान भी सिर्फ 65 फीसदी हुआ है। 304 करोड़ रुपए का भुगतान अन्नदाता को शेष है।

लगाई गई ट्रांसपोर्टरों पर पेनाल्टी
धान खरीदी के बाद वेयरहाउसों में समय पर उपज को सुरक्षित कराने के लिए नागरिक आपूर्ति निगम के द्वारा अतुल गुप्ता व राहुल सलूजा को परिवहन का ठेका दिया गया है। मनमानी व लापरवाही पर 70 लाख रुपए की पेनाल्टी लगाई गई है। मेसर्स जीआरपी ट्रांसपोर्ट सर्विस के खिलाफ 42 लाख 70 हजार 909 रुपए की पेनाल्टी लगाई गई है। इसी प्रकार मेसर्स जयश्रीराम ट्रांसपोर्ट द्वारा भी समय पर धान परिवहन नहीं करने पर नान द्वारा 27 लाख 74 हजार 526 रुपए की पेनाल्टी लगाई गई है।

पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया था मुद्दा
जिले में धान खरीदी शुरू होने से लेकर आखिरी तक केंद्रों में की जाने वाली व्यवस्था में कमी, किसानों से हो रही अवैध वसूली, ली जा रही अधिक धान, परिवहन में बेपरवाही आदि के मुद्दों को कई बार प्रमुखता से उठाया। ट्रांसपोर्टर राहूल सलूजा व अतुल गुप्ता द्वारा समय पर धान का परिवहन न करने, केंद्रों में धान का ढेर लगने, मौसम खराब होने व बारिश होने के कारण धान के भीगने का मुद्दा भी प्रमुखता से उजागर किया था। अमानक धान खरीदी को भी प्रमुखता से उठाया। जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले को संज्ञान में लिया व परिवहनकर्ताओं पर बड़ी कार्रवाई की है।

वर्जन
जिले में लगभग 32 हजार 500 क्विंटल अमानक धान की खरीदी हो गई थी। सर्वेयरों द्वारा रिजेक्ट की गई धान की जांच के लिए 20 अधिकारियों की टीम गठित जांच कराई गई। रिपोर्ट प्राप्त हो गई है, जांच रिपोर्ट में भी 1400 एमटी अमानक धान की खरीदी किया जाना बताया गया। इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की जा रही है।
साधना परस्ते, एडीएम।

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