उद्योग के संयंत्र, मशीनरी और भवन निर्माण के लिए निवेश का 40 प्रतिशत तक उद्योग विकास सब्सिडी मिल सकेगी। गुणवत्ता प्रमाणन , ऊर्जा ऋण और पेटेंट व आइपीआर पंजीकरण प्रत्येक के लिए 25-25 लाख रुपए तक की सहायता राशि का प्रावधान है। वहीं एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए 2 करोड़ रुपए तक सहायता राशि का प्रावधान है।
बीते साल इकाइयों से मिला 245 को रोजगार
जिले में वित्तीय वर्ष 2024-25 में नवीन विनिर्माण एमएसएमई इकाइयों की स्थापना पर 53.59 लाख रूपए का निवेश हुआ। इससे 245 लोगों को रोजगार मिला। अबतक जिले में सर्वाधिक 133 लोगों को राइस मिल और फिर दाल मिल से 35 व्यक्तियों को रोजगार मिला। प्लास्टिक उद्योग 15 व्यक्तियों के रोजगार का जरिया बना। इस अवधि में जिले में कुरकुरे निर्माण, कंटीले तार एवं कील निर्माण, पुट्टी प्लांट, थ्री डी पापड़, प्लास्टिक पाइप, मसाला उद्योग, मिनिरल्स एवं सेलोटेप निर्माण की इकाईयां स्थापित की गई है।
निवार से बिजली की लाइन लाई जा रही है, इसलिए वक्त लग रहा है। लाइन फिटिंग होने में अभी दो-तीनमाह का वक्त और लग सकता है, इसके बाद यहां पर कारोबारियों को प्लाट आवंटन की प्रक्रिया शुरू होगी। अन्य जरूरी कार्य पूर्ण कर दिए गए है।
रंजीत सिंह गौतम, सहायक प्रबंधक, उद्योग विभाग।