बताया जा रहा है कि, जिले के संबंधित मजदूर अपने परिवारों के साथ काम की तलाश में निकले थे, जो काम तलाशते हुए कर्नाटक तक जा पहुंचे। यहां निवरी गांव में उन्हें काम का आश्वासन देकर रख तो लिया गया, लेकिन कुछ दिन बाद उनकी तय मजदूरी तो देना बंद की ही, साथ ही साथ उन्हें वहां से जाने पर भी बाबंदी लगा दी। इस दौरान उनसे मनमानी मजदूरी तो कराई जाती थी, लेकिन उसके लिए किसी तरह का हर्जाना नहीं दिया जाता था।
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मजदूरों ने फोन पर गांव के लोगों को सुनाई आपबीती
दूसरे राज्य के एक गांव में फंसे मजदूर बंधक बने हुए थे। ये किसी तरह अपने गांव तक भी इस बात की सूचना नहीं भेज पा रहे थे कि, उनके साथ क्या हो रहा है। लेकिन, अचानक एक दिन उन्हें किसी से मोबाइल मिला, जिसके जरिये उन्होंने अपने ऊपर बीतने वाले हालातों की जानकारी अपने गांव के लोगों को दी। मजदूरों के गांव के लोगों ने तुरंत ही इस बात की शिकायत कटनी के कैमोर थाने में दर्ज कराई।
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जल्द सकुशल घर लौटेंगे सभी मजदूर
मामले को लेकर विजय राघवगढ़ एसडीओपी शिखा सोनी ने बताया कि, मजदूरों की घर वापसी के लिए कर्नाटक पुलिस से संपर्क किया गया। उनकी मदद से सभी 85 मजदूरों की सकुशल घर वापसी के लिए रवाना किया जा चुका है। मजदूर परिवार रास्ते में हैं, जल्द ही कटनी पहुंच जाएंगे।