scriptकासगंज: गंगा नदी का रौद्र रूप देख ग्रामीण पलायन को मजबूर | Villagers forced to migrate after ugly form of river Ganga in Kasganj | Patrika News
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कासगंज: गंगा नदी का रौद्र रूप देख ग्रामीण पलायन को मजबूर

ग्रामीणों की तकरीबन 15 सौ बीघा खेती जलमग्न हो गई है। वहीं पलायन करने वाले ग्रामीण रवि का कहना है कि हर वर्ष की भांति गंगा अपना रौद्र रूप दिखा रही है।

कासगंजAug 10, 2022 / 01:03 pm

Jyoti Singh

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पिछले कुछ दिनों से पहाड़ों पर हो रही भीषण बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं, वहीं कासगंज को पावन करने वाली पतित पावनी गंगा नदी भी अपना रौद्र रूप धारण कर चुकी है। जिले के गंजडुंडवारा ब्लॉक क्षेत्र के गांव बरौना और बतौली समेत डेढ़ दर्जन तटवर्ती गांवों में गंगा ने अपना रूद्र रूप धारण कर लिया है। जल प्रलय की आहट से ग्रामीणों में दहशत है, वो सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। हालांकि जिला प्रशासन ने खतरे को भांपते हुए सिंचाई विभाग द्वारा स्थापित बाढ़ चौकियों को सक्रिय करते हुए सतर्कता बढ़ा दी है और प्रशासनिक अधिकारी तटवर्ती गांव की लगातार खबर ले रहे हैं लेकिन ग्रामीण एक अनजाने भय से आशंकित हो पलायन करने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं।
ग्रामीणों की तकरीबन 15 सौ बीघा खेती जलमग्न

दरअसल कासगंज जिले के गंजडुंडवारा ब्लॉक क्षेत्र के गांव बरौना और बतौली के ग्रामीणों को गंगा अपने रौद्र रूप से डरा रही है। गंगाजल के तेज बहाव के कारण तटवर्ती इलाकों में लगातार हो रहे कटान ने प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। वहीं प्रशासन द्वारा किये जा रहे इंतजाम से ग्रामीण नाखुश हैं, वो जिला प्रशासन पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। ग्रामीण घर से पलायन कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच रहे हैं। ग्रामीणों की तकरीबन 15 सौ बीघा खेती जलमग्न हो गई है। वहीं पलायन करने वाले ग्रामीण रवि का कहना है कि हर वर्ष की भांति गंगा अपना रौद्र रूप दिखा रही है और उनके घरों के पीछे गंगा का पानी आ चुका है, जिसके चलते वह अपना व अपने परिवार का सामान लेकर अन्य गांव की ओर पलायन कर रहे हैं। जिससे गंगा के प्रकोप से बच सकें।
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बोरियां डाल कर कटान को रोकने का प्रयास जारी

जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने बताया कि बरौना गांव में कटान की समस्या को दृष्टिगत रखते हुए एसडीएम पटियाली की निगरानी में सिंचाई विभाग द्वारा गांव में बांस बल्ली व कटान की जगह पर बोरियां डाल कर कटान को रोकने का व्यापक प्रयास किया जा रहा है, चूंकि गंगा का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है इसलिए कटान को रोका जाना मुश्किल हो रहा है। उनके द्वारा स्वंय तटवर्तीय गांवों का निरीक्षण किया जा रहा है। वहीं पलायन के संबंध में डीएम ने बताया कि उनके संज्ञान में एक वीडियो आया था, जिसके बाद एसडीएम पटियाली को मौके पर भेजा गया है तो अभी पलायन जैसी कोई बात निकल कर सामने नहीं आयी है।
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जिला प्रशासन बनाए हुए है हालातों पर नजर

हालांकि लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने की बात स्वीकार कर रहे हैं, अगर किसी कारण से गांव खाली कराने की नौबत आती है तो देवकली गांव पर स्थित बाढ़ चौकी पर ग्रामीणों को विस्थापित करने की सम्पूर्ण व्यवस्था प्रशासन द्वारा की गई है, अभी स्थिति नियंत्रण में है, हालांकि कटान और बढ़ते जलस्तर को देखते हुए ग्रामीणों को गंगा किनारे न जाने की हिदायत दी गई है, जिला प्रशासन लगातार हालातों पर नजर बनाए हुए है। वहीं क्षेत्रीय विधायक नादिरा सुल्ताना ने भी बरौना गांव का निरीक्षण किया साथ ही उन्होंने बताया की कि हर वर्ष गंगा बारिश के दिनों में अपना रौद्र रूप दिखाती है और क्षेत्र के दर्जनों गांव में गंगा का पानी आ जाता है, उन्होंने जिला प्रशासन हुआ उत्तर प्रदेश सरकार से गांव के निकट पक्का बांध बनाने की लिखित रूप से वह मौखिक रूप से मांग की है, जिससे गांव में गंगा का पानी नहीं आए और ग्रामीण परेशान ना हो सके।

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