एसपी अशोक कुमार ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि यह अधिवक्ता नहीं, बल्कि एक शातिर नटवरलाल नारायण पचौरी है। जिसने कासगंज के नितिन गहलौत और राकेश कुमार शर्मा पर किशोरी से दुराचार के मामले दर्ज करा दिये और सीएम से लेकर उच्चाधिकारियों को एक नहीं अनेकों हर सप्ताह लेटर भेजकर किशोरी और उसकी मां के माध्यम से न्याय न मिलने पर आत्मदाह करने की धमकी देता रहता था, जिससे पुलिस भी परेशान थी और उसकी जांच में जुटी हुई थी।
अधिवक्ता के चुंगल से किशोरी मुक्त
भाई की मदद से अधिवक्ता के चुंगल से छूटी किशोरी ने पूरे घटनाक्रम से पुलिस को अवगत कराया, तब कहीं जाकर पुलिस ने सर्विलांस के जरिए तथाकथित अधिवक्ता नरायन पचौरी और उसके पिता को गांव धनसिंहपुर से गिरफ्तार कर किशोरी को मुक्त कराया है। आरोपी अधिवक्ता किशोरी को बंधक बनाकर दुराचार करता था। फिलहाल दोनों पिता पुत्र को जेल भेज दिया है। एसपी ने पूरे प्रकरण की वास्तविक तह तक जाने के लिए सर्विलांस टीम को लगाया था। इस मामले में अधिवक्ता का माध्यम भोले सर्राफ था उसे भी गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
नरायन सिंह तथाकथित अधिवक्ता द्वारा किशोरी को अपने चुंगल में फंसाकर कासगंज के नितिन गहलौत और राकेश शर्मा पर कराये गए दुराचार के झूठे मुकदमे में फंसे लोगों ने कासगंज पुलिस कप्तान अशोक कुमार का धान्यवाद दिया। कहाकि अगर पुलिस सही जांच नहीं करती तो शायद दो परिवारों की जिदंगी खराब हो जाती थी।
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पुलिस टीम का किया हुआ सम्मानजिला सर्राफा एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अखिलेश अग्रवाल भी पुलिस कार्यालय पर पहुंच गए। अखिलेश अग्रवाल ने कहाकि जनपद पुलिस ने बहूत ही सराहनीय काम किया है, मैं पुलिस कप्तान अशोक कुमार को धन्यावाद देना चाहता हूं। एक हमारे सर्राफा व्यवसाई को नटवर लाल ने 376 के मामले में झूठा फंसा दिया था। उसकी शादी को एक साल हुआ है दिन रात की नींद ***** थी, परेशान था, सुसाइड कर लेता।