..तो जवाबदारी का अभाव ले डूबा विभागीय सूत्रों की माने तो इस कार्यक्रम के पूरा नहीं होने के पीछे किसी विभाग को जिम्मेदारी नहीं देना माना जा रहा है। बजट के अभाव में इस कार्य को मनरेगा के तहत कराने के निर्देश दिए गए, लेकिन बरसात के समय में श्रमिकों की कमी आड़े आने लगी। वहीं अब पानी देने के संसाधन व इंतजाम नहीं हैं। सूत्रों के अनुसार वन विभाग ने भी मनरेगा श्रमिकों के भरोसे कार्य कराना सही नहीं समझा। उनके अनुसार समय पर पौध लगाने व उसे पानी देने के लिए श्रमिक नहीं मिलते तो ये पौधे सूख जाते। एेसे में वन विभाग ने रुचि नहीं ली।
इस तरह स्वीकृत हैं कार्य देसूरी 0.5 किमी, पाली में 10 किमी, रायपुर में 0.5 किमी, रानी में 3 किमी, रोहट में 8 किमी, सोजत में 4 किमी व सुमेरपुर में 10.5 किमी में पौधरोपण का कार्य स्वीकृत किया गया था। इसमें से सुमेरपुर के पालड़ी से शिवगंज क्षेत्र व पाली की कुछ ग्राम पंचायतों समेत कुल 12 किमी क्षेत्र में ही पौधरोपण होना बताया जा रहा है।
– बारिश के दिनों में मनरेगा में श्रमिक मिलना मुश्किल हो गया। एेसे में कार्य तो हमारी तरफ से लक्ष्य से अधिक स्वीकृत किए गए। सुमेरपुर व पाली की कुछ ग्राम पंचायतों ने 10-12 किमी क्षेत्र में कार्य कराए हैं। बचे हुए कार्य अगले वित्तीय वर्ष में पूरे किए जाएंगे।
-राजेंद्र धोलिया, अधिशासी अभियंता, मनरेगा