इस सीजन में ये दूसरी बार है, जब
करौली जिले में स्थित एशिया का सबसे बड़े मिट्टी के बांध के गेट खोलने पड़े है। पांचना बांध की कुल भराव क्षमता 258.62 मीटर है। लेकिन, पांचना बांध का जल स्तर 258.25 मीटर होने के बाद गुरुवार को तीन गेट खोले गए थे। शनिवार को भी बांध के गेट खोलकर 4000 क्यूसेक जल निकासी की जा रही है।
जल संसाधन एक्सईएन सुशील गुप्ता, एईएन वीर सिंह जाटव, जेईएन भवानी सिंह और जेईएन JEN सुदेश गुर्जर लगातार बांध पर नजर बनाए हुए हैं। बता दें कि इससे पहले एक अगस्त को बांध का जलस्तर 258.35 मीटर होने पर गेट खोले गए थे और 5 अगस्त को 256.80 मीटर जलस्तर पर जल निकासी रोकी गई थी।
करौली में मानसून ज्यादा मेहरबान
करौली जिले में इस बार मानसून कुछ ज्यादा ही मेहरबान है। बीते दिनों में झमाझम बारिश ने जिले को तर कर दिया। खेत लबालब हो गए तो सड़कें दरिया बन गई। असल में इस बार मानसून सीजन के महज 56 दिन में ही झमाझम बारिश ने वर्षभर के आंकड़े को पूरा कर डाला है। जिले में वर्षभर का बारिश का औसत आंकड़ा 658 एमएम माना जाता है, जिसके मुकाबले अब तक 667 एमएम बारिश हो चुकी है। जबकि मानसून सीजन के औसत आंकड़े को तो काफी पीछे छोड़ दिया है। जिले में मानसून की औसत बारिश 596 एमएम है।