मजबूरन ग्रामीणों ने प्रत्येक परिवार से सहयोग राशि जुटाकर तीन लाख रुपए एकत्रित किए और नलकूप खुदवा कर मोटर भी डाल दी, लेकिन बिजली कनेक्शन नहीं होने से समस्या से पूरी तरह निजात नहीं मिल पाई है। ग्रामीणों की मांग है कि या तो ग्राम पंचायत नलकूप के लिए नि:शुल्क बिजली कनेक्शन कराए, या प्रशासन द्वारा इसकी जिम्मेदारी ली जाए।
ग्रामीण किशन सिंह, बलवीर, सुनील जाटव आदि ने बताया करीब 3500 की आबादी वाले इस गांव में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग का कोई पेयजल स्त्रोत नहीं है। दशकों पुराने एक-दो हैण्डपंप भी नकारा हो चुके हैं। कुछेक ग्रामीणों ने काफी पहले 175 से 200 फीट गहरे निजी नलकूप खुदवाए भी, लेकिन निरंतर गिरते भूजल स्तर के कारण वे भी नाकाम हो गए। ऐसे में महिलाएं दिनभर पानी के लिए भटकती रहती हैं।
ग्रामीण आरोप लगाते हैं कि कई बार विधायक, सरंपच, एसडीएम, तहसीलदार व पीएचईडी के अभियंताओं को लिखित अर्जी देकर पेयजल समस्या के समाधान की मांग की गई। लेकिन किसी ने उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया। आखिरकार थक-हारकर ग्रामीणों ने अपने खर्चे से ही नलकूप लगाने का फैसला लिया।
इसके लिए हर घर से पैसा इक_ा कर करीब तीन लाख रुपए जुटाए। इन रुपयों से उन्होंने गांव के बीचों बीच सामूहिक भूमि पर 750 फीट गहरा नलकूप खुदवाया। जिसमें समर्सिबल मोटर भी डाल दी गई। हालांकिअभी बिजली कनेक्शन नहीं है, इसलिए भीषण गर्मी के बीच ग्रामीणों को पेयजल समस्या झेलनी पड़ रही है। उन्होंने राज्य सरकार से नि:शुल्क बिजली कनेक्शन जारी कर नलकूप के संचालन का जिम्मा ले नियमित बिल भरने का अनुरोध किया है।
जिम्मेदारों के बोल-
-बनकी ग्राम पंचायत के बेड़ा गांव में पेयजल संकट और नलकूप से संबंधित मामला मेरी जानकारी में नहीं है। संबंधित अधिकारियों से जानकारी कर ग्रामीणों की समस्या का समाधान कराया जाएगा।
– अनूप सिंह, एसडीएम, हिण्डौनसिटी।
– जलजीवन मिशन के तहत पेयजल योजना की स्वीकृति के कारण नलकूपों पर प्रतिबंध लग गया था। इस कारण बेड़ा गांव में नलकूप खुदवाया नहीं जा सका। अब ग्राम पंचायत स्तर पर बिजली कनेक्शन करा पेयजल समस्या का समाधान कराएंगे।
– धर्मेन्द्र गुर्जर, सरपंच, ग्राम पंचायत बनकी।