ई मित्र संचालक परेशान
खाद्य सुरक्षा योजना के पोर्टल के चालू होने के साथ ही ई-मित्र केंद्रों पर पात्र परिवारों की कतारें लग गई। ऐसे में कई ईमित्र संचालकों के यहां आवेदकों की कतार व आवेदनों के ढेर लग गये। ई-मित्र संचालक सुरेश शर्मा ने बताया कि कई लोगों के आवेदन पोर्टल पर अपलोड करने से शेष रह गए। सरकार द्वारा अचानक की ही पोर्टल को बंद करने से हजारों पात्र परिवारों के नाम जुडऩे से वंचित रह गए। अब योजना में नाम जुड़वाने के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं।
लोगों का कहना है कि खाद्य सुरक्षा विभाग ने नाम जुड़वाने के लिए बहुत कम समय दिया। खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जुड़वाने के लिए बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड बनवाने तथा नव वधुओं के विवाहित प्रमाण पत्र व पिता के राशन कार्ड से नाम हटवाने की एनओसी आदि लेने में समय लग रहा था। ऐसे में नाम जुड़वाने के लिए कम से कम तीन महीने का समय देना चाहिए था। दूसरी और सरकार को पोर्टल बंद करने से पहले विभाग को भी सूचना देनी चाहिए थी।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने साढ़े चार वर्ष बाद खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 10 अगस्त को आदेश जारी कर नव विवाहिताओं व ब’चों के नाम जुड़वाने के लिए पोर्टल खोला था। जिसके तहत पूर्व से चयनित परिवारों के 18 वर्ष तक के ब’चों एवं विवाहित महिलाओं के नाम जोडऩे के लिए पोर्टल खोला था। पोर्टल खुलने पर कई विवाहिताओं को लंबे समय बाद उम्मीद जगी की अब उनके नाम ससुराल में पति के राशन कार्ड में जुड़ सकेंगे, लेकिन पोर्टल बंद हो जाने से उम्मीद अधूरी रह गई।
गंगापुर सिटी जिले में 1 लाख 33 हजार परिवार वर्तमान में खाद्य सुरक्षा योजना में मुफ्त का राशन प्राप्त कर रहे हैं। इन परिवारों में 5 लाख 77 हजार लोगों को हर माह 5 किलो गेहूं मिलता है। 1 महीने खुले पोर्टल के अंतर्गत 6 हजार लोगों ने खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जुड़वा लिए। वर्तमान में 5 लाख 83 हजार लोग खाद्य सुरक्षा योजना में नाम दर्ज है। इसके अलावा हजारों की संख्या में नाम जुड़वाने से वंचित रह गए।
सरकार ने खाद्य सुरक्षा योजना के पात्र परिवारों के नाम जोडऩे के लिए गत माह 10 अगस्त को पोर्टल को खोला था। एक माह चलने के बाद सरकार ने पोर्टल को बंद कर दिया। आगे पोर्टल खुलने के सरकार की कोई निर्देश नहीं मिले हैं।- अंकित पचार, जिला रसद अधिकारी, गंगापुर सिटी।