जबाब- मैं मूलत: राजस्थान के सीकर जिले से हूं। पिता सागरमल गुप्ता आरटीडीसी से सेवानिवृत हैं, जबकि मां इंदिरा गुप्ता गृहिणी हैं। तीन भाई-बहनों में दूसरे नंबर की हूं। पढाई लिखाई जयपुर से हुई। एमएनइआईटी जयपुर से इलेक्ट्रोनिक्स में इंजीनियरिंग करने के बाद 4 साल प्राईवेट कंपनी में जॉब किया। वर्ष 2012 में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में चयनित हुई।
जबाब- आईपीएस में चयनित होने के बाद पहली पोस्टिंग भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) मुख्यालय में हुई। इसके बाद आरएसी में कमांडेंट, बूंदी जिले में एसपी, जयपुर में पुलिस भर्ती एवं पदोन्नति बोर्ड में एसपी, सिरोही में एसपी के बाद अब करौली जिले में एसपी के पद पर नियुक्ति मिली है। ओवर ऑल अब तक का कार्यानुभव बेहतरीन रहा है।
जबाब- कार्यभार ग्रहण करने के बाद दो-तीन दिनों में करौली, हिण्डौन व टोडाभीम सर्किल के थानों का निरीक्षण किया है। लंबित प्रकरणों के निस्तारण के अलावा व्यवस्थाओं में सुधार के लिए संबंधित सीओ और एसएचओ को निर्देशित किया है। अभी इलाके को समझने का प्रयास कर रही हूं।
जबाब- आम चुनाव की तैयारिया शुरू कर दी है। प्लान भी तैयार कर लिया है। जिसके तहत जल्द ही आवश्यक कार्रवाई शुरु की जाएंगी। सवाल-महिला एसपी के तौर पर महिलाओं के लिए क्या विशेष देंगे ?
जबाब- महिला अत्याचार के दर्ज होने वाले प्रकरणों का दो महिने के अंदर पूरी तरह से निस्तारण करना मुख्य उद्देश्य रहेगा। भारत सरकार व राज्य सरकार की गाइड लाइन के अनुसार पोक्सो एवं बलात्कार के मामलों का निराकरण होगा। महिलाओं को सुरक्षित माहौल प्रदान करने की पूरी कोशिश रहेगी।
जबाब- करौली समेत जिलेभर में स्मैक के नशे को लेकर पब्लिक फीडबैक मिला है। गत दिवस ही जिला कलक्टर के साथ हुई बैठक में भी नशे की रोकथाम को लेकर चर्चा की गई थी। निश्चित तौर पर स्मैक के नशे की जकड में आए युवाओं को बचाने के प्रयास किए जाएंगे।