लम्बी दूरी की भी यहां से बसों का अभाव है। ज्ञापन में यह भी बताया गया कि अप्रेल माह में करौली डिपो को रोडवेज मुख्यालय की ओर से रोडवेज के भरतपुर जोन में सर्वाधिक राजस्व आय अर्जित करने पर जोनल डिपो ऑफ दा मन्थ घोषित किया गया था। डिपो का स्वतंत्र रूप से संचालन हो तो क्षेत्र के लोगों को परिवहन सुविधाओं में इजाफा होगा। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका की ओर से करौली डिपो के स्वतंत्र संचालन को लेकर शृंख्लाबद्ध खबरें प्रकाशित की जा रही हैं।
ज्ञापन में डिपो के अलावा मण्डरायल मार्ग स्थित जिला चिकित्सालय के नवीन भवन तक के क्षतिग्रस्त रास्ते का निर्माण और रोशनी व्यवस्था की भी मांग की गई है। बताया गया है कि रास्ते के क्षतिग्रस्त होने से रोगी व उनके परिजनों को परेशानी होती है। इसी क्रम में महात्मा गांधी विद्यालय को पुराने जेल भवन में शिफ्ट कराने, टीबी हॉस्पीटल में एक्सरे की सुविधा शुरू कराने, राजकीय महाविद्यालय में पूर्व में संचालित विधि कक्षाओं का पुन: संचालन कराने तथा शहर में अन्य मोक्षधामों का निर्माण कराने की भी मांग की गई है। इस दौरान कलक्टर ने रोडवेज डिपो सहित अन्य मांगों को लेकर उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया।