भद्रावती नदी प्रोजेक्ट के तहत जीर्णोद्धार के विभिन्न कार्यों के अलावा पौधरोपण के लिए जिला प्रशासन की ओर से विभागों को अलग-अलग लक्ष्य आवंटित किए गए हैं। इसमें वन विभाग द्वारा 12 हजार 500 पौधे वन भूमि में लगाए जाएंगे, वहीं उद्यानिकी विभाग की ओर से लगभग 10 हजार नींबू के पौधों का किसानों को वितरण कर बगीचे लगाए जाएंगे। वहीं जलग्रहण विभाग को 22 हजार पौधों का लक्ष्य दिया गया है, जबकि ग्रामीण विकास जिला परिषद को 20 हजार पौधों का लक्ष्य निर्धारित है। अधिकारियों के अनुसार यह पौधे वन भूमि, किसानों के खेतों आदि में लगवाए जाएंगे। विभागों की ओर से किसानों को पौधों का वितरण किया जाएगा। इसके साथ ही वन विभाग की ओर से बीजारोपण भी किया जाएगा।
उद्यानिकी विभाग की ओर से इलाके में बगीचे लगवाए जाएंगे। विशेष रूप से नीबू के बगीचे के लिए विभाग की ओर से तैयारियां की जा रही हैं। इसके अलावा जामून, कटहल, आवंला आदि के पौधे भी लगाए जाएंगे। बगीचे लगाने से एक ओर जहां क्षेत्र में हरियाली तो छाएगी ही साथ ही किसानों की आय भी बढ़ सकेगी। वहीं अन्य विभागों द्वारा विभिन्न किस्मों के अलग-अलग पौधे वितरित किए जाएंगे।
भद्रावती नदी के कैचमेंट एरिया में करौली सहित चैनपुर, बिचपुरी, हरनगर, महू, पाराशरी, खूबनगर, बिनेगा, कोटाछाबर, दीपपुरा, ससेड़ी, भोडेर, कोसरा, मकनपुर, सौरया, माडीभाट, भांकरी, बुगडार, गढ़ीकागांव, कंचनपुर, लांगरा, डोयलेपुरा, श्यामपुर, तीन पोखर,बहरदा, मकनपुर स्वामी, बाटदा सहित 30 गांव शामिल हैं।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार पौधरोपण से एक तो पर्यावरण बेहतर होकर हरियाली छाएगी, वहीं दूसरी ओर पेड़-पौधों के माध्यम से नदी में मिट्टी का कटाव भी रुकेगा। इनका कहना है…..
भद्रावती नदी प्रोजेक्ट के तहत फल, फूल, छायादार पौधे लगवाए जाएंगे। इसके लिए तैयारियां की जा रही हैं। विभागों को पौधों का लक्ष्य आवंटित कर दिया है। मानसून के दौरान काश्तकारों के लिए पौधों का वितरण किया जाएगा। इससे क्षेत्र में हरियाली बढऩे के साथ फलों के बगीचे भी विकसित हो सकेंगे।
सिद्धार्थ सिहाग, जिला कलक्टर, करौली