विकास और सुविधाओं की दृष्टि से पिछड़े गांव खानाका में शिक्षकों ने नवाचार कर विद्यालय में कक्षा कक्षों को रेल के डिब्बों के जैसा रंगरोगन कर रेलवे स्टेशन का सा रूप दिया गया है। इससे विद्यालय को दूर से देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि मानो रेलवे स्टेशन पर ट्रेन खड़ी है। रेलवे स्टेशन की तरह कक्षा कक्षों का नामकरण भी किए गए हैं। विद्यालय में मुख्य भवन के तीन कक्षों की तीन बोगियों की ट्रेन के रूप में 3-डी रंगाई कराई गई है।
परस्पर जुटाए 1.36 लाख रुपए : कार्यवाहक प्रधानाध्यापक सुखदेव पाठक ने बताया कि विद्यालय भवन को नया लुक देने के लिए कार्यरत सभी 9 शिक्षकों ने परस्पर 1.36 लाख रुपए की राशि जुटाई। औैर परीक्षाओं के बाद ट्रेन के लुक में रंग रोगन करवा कर भवन को रेलवे स्टेशन और ट्रेन के रूप में संवार दिया। इससे सुखदेव पाठक, रिंकूकुमार, शिवदयाल, बाबूलाल, कुलदीप, अरविंद, राजेश, रमेश चंद का योगदान रहा।
तीन बोगियों की खानाका ट्रेन
पाठक ने बताया है कि रेलगाड़ी के रूप में सजे कक्षों का खानाका ट्रेन का नाम दिया गया है। ती बोगियों की एजूकेशन एक्सप्रेस में एक बोगी में प्रधानाध्यापक कक्ष है। दो बोगियों के कक्ष में कक्षा एक व कक्षा 8 के लिए आरक्षित किया है।
रंग ला रही मेहनत
शिक्षकों नेे बताया कि दो वर्ष पहले विद्यालय में 100 का नामांकन था। विद्यालय की स्थिति में सुधार और नवाचारों से नामांकन बढ़ कर 200 हो गया है। विद्यालय के विकास कार्यों में गांव के भामाशाह भी सहयोग कर रहे हैं। विद्यालय में कक्षाओं का टोटा होने से कई कक्षाएं खुले में संचालित करनी पड़ती हैं।