राजस्थान की खान सचिव आनन्दी ने बताया कि विभाग द्वारा किए गए आरंभिक एक्सप्लोरेशन में आयरन ओर के मेग्नेटाइट और हेमेटाइट दोनों के ही संकेत मिले हैं। करौली के खोड़ा में 462.3 हैक्टेयर, डेडरोली में 754.38 हैक्टेयर, टोडुपुरा में 260.71 और लीलोटी में 410.94 हैक्टेयर क्षेत्र में आयरन ओर के डिपोजिट मिले हैं।
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एक मोटे अनुमान के अनुसार यहां आयरन ओर के 840 टन से अधिक डिपोजिट है। विभाग द्वारा किए गए एक्सप्लोरेशन के अनुसार यहां पर चुंबकीय प्रकृति के मेग्नेटाइट और नार्मल प्रकृति के हेमेटाइट आयरन ओर उपलब्ध है। आरएसएमईटी द्वारा ऑक्शन के लिए ब्लॉक तैयार कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की स्वीकृति के साथ ही कंपोजिट लाइसेंस के लिए ऑक्शन की राह प्रशस्त हो गई हैं।
कंपोजिट लाइसेंस के ऑक्शन से इस क्षेत्र में फर्दर एक्सप्लोरेशन होगा और यह माना जा रहा है कि फर्दर एक्सप्लोरेशन से इस क्षेत्र में आयरन ओर के और अधिक डिपोजिट्स मिलने की संभावना है। करौली में आयरन ओर मिलने से आने वाले समय में प्रदेश में औद्योगिक निवेश को और अधिक पंख लगेंगे। स्टील व सीमेंट उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
आयरन ओर से स्टील उद्योग के साथ ही कोल वाशिंग, फेरोअलॉय, फाउण्ड्र्ीज, सेरेमिक और सीमेंट उद्योग सहित अनेक उद्योगों को वर्षों तक कच्चा माल प्राप्त हो सकेगा व प्रदेश में इन उद्योगों में निवेश और नए उद्योग लगने के साथ ही रोजगार और आय के अवसर विकसित होंगे।
राजस्थान में आयरन ओर के डिपोजिट्स और अधिक मिलने की संभावना को देखते हुए अन्य स्थानों पर भी एक्सप्लोरेशन आदि का कार्य जारी है। जयपुर, झुन्झुनू, भीलवाडा, सीकर, अलवर आदि में आयरन ओर के खनन और एक्सप्लोरेशन कार्य जारी है।
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