scriptपहले पटवारी, फिर अध्यापिका और अब आरएएस हुई मेघा | First Patwari, then teacher and now Megha became RAS | Patrika News
करौली

पहले पटवारी, फिर अध्यापिका और अब आरएएस हुई मेघा

First Patwari, then teacher and now Megha became RASराजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा का अंतिम परिणाम

करौलीJul 14, 2021 / 11:45 pm

Anil dattatrey

पहले पटवारी, फिर अध्यापिका और अब आरएएस हुई मेघा

पहले पटवारी, फिर अध्यापिका और अब आरएएस हुई मेघा


हिण्डौनसिटी. कठिन परिश्रम, दृढ़ इच्छा शक्ति और सपनों को साकार करने का जुनून हो तो आखिर मंजिल मिल ही जाती है। मंगलवार देर रात राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा जारी किए राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के अंतिम परिणाम में कृष्णा कॉलोनी की मेघा शांडिल्य ने सफलता हासिल की है। पहले पटवारी फिर द्वितीय श्रेणी अध्यापिका रहते हुए मेघा 98 वीं रैंक हांसिल कर आरएएस हुई है।

मेघा ने बताया कि वह जनवरी 2014 में पटवारी सेवा में चयनित हुई और पटोंदा मण्डल में सेवारत रही। करीब 11 माह की पटवार सेवा मे रहने के दौरान दिसम्बर माह में वह शिक्षक भर्ती परीक्षा से द्वितीय श्रेणी अध्यापिका में चयनित हो गई। मेघा का कहना है कि पटवारी रहने हुुए आरएएस बनने के सपनों को साकार करने के लिए पढ़ाई जारी रखी। और पहले प्रयास में ही राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा-2018 की प्रांरभिक, मुख्य परीक्षा के बाद अब साक्षात्कार का सोपान चढ़ सफलता प्राप्त कर ली। पिता दिनेशचंद शांडिल्य व्यवसायी हैं व माता हेमलता गृहिणी हैं। मेघा की बड़ी बहन नेहा शांडिल्य राजकीय माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापिका तथा भाई रितिक शांडिल्य जल संसाधन विभाग में कार्मिक है।
दूसरे प्रयास में कृति ने हासिल किया 23 वां स्थान
हिण्डौनसिटी. अमृतपुरी कॉलोनी निवासी डॉ कृति शर्मा ने आरएएस परीक्षा के अंंतिम परिणाम में 23 वां स्थान हांसिल किया है।
मूलत: गांव मूडिया निवासी सेवानिवृत सहायक अभियंता बृजबिहारी वशिष्ठ ने बताया कि पुत्रवधू कृति ने दूसरे प्रयास में प्रशासनिक अधिकारी बनने की मंजिल हांसिल की है। कृति के पति क्षितिज वशिष्ठ रावतभाटा के भाभा एटोमिक सेंटर में साइंटिफिक ऑफीसर-ई हैं। कृति प्राणिशास्त्र से एमएससी व पीएचडी हैं।

शेखर ने हासिल की 602 वीं रैंक-
हिण्डौनसिटी. भारतीय कॉलोनी निवासी शेखर शर्मा ने आरएएस परीक्षा में 602 रैंक हांसिल की है। मूलत:गांव बेरखेड़ा निवासी शेखर को यह सफलता पहले प्रयास में मिली है। पिता हरिमोहन शर्मा गांव पाली के राउमावि में व्याख्याता हैं।

Hindi News / Karauli / पहले पटवारी, फिर अध्यापिका और अब आरएएस हुई मेघा

ट्रेंडिंग वीडियो