scriptसर्फेक्टेंट, वह दोस्त जो आपकी स्किन की मासूमियत को रखेगा बरकरार, पर्यावरण का भी पूरा ख्याल | Surfactant keeps your Skin Young made by Sugarcane Bagasse Environmental Friendly | Patrika News
कानपुर

सर्फेक्टेंट, वह दोस्त जो आपकी स्किन की मासूमियत को रखेगा बरकरार, पर्यावरण का भी पूरा ख्याल

UP News: राष्ट्रीय शर्करा संस्थान ने गन्ने की खोई से सर्फेक्टेंट तैयार किया। ये स्किन को न केवल जवां बरकार रखेगा बल्कि पर्यावरण को भी बचाएगा।

कानपुरJul 15, 2022 / 03:58 pm

Snigdha Singh

Surfactant keeps your Skin Young made by Sugarcane Bagasse Environmental Friendly

Surfactant keeps your Skin Young made by Sugarcane Bagasse Environmental Friendly

कॉस्मेटिक, पर्सनल केयर और डिटर्जेंट में विशेष गैर-आयनिक सर्फैक्टेंट का प्रयोग किया जाए तो यह न तो त्वचा को नुकसान पहुंचाएगा और न ही वातावरण को। यह बायोडिग्रेडेबल होने के साथ पर्यावरण और स्किन फ्रेंडली भी है। राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआई) के वैज्ञानिकों ने दो साल की लंबी रिसर्च के बाद गन्ने की खोई से बने विशेष सर्फैक्टेंट को खोजा है। इसका पेटेंट संस्थान की सीनियर रिसर्च फेलो अनुष्का अग्रवाल कनोडिया और वैज्ञानिक डॉ. विष्णु प्रभाकर श्रीवास्तव को दो दिन पहले मिला है। सर्फैक्टेंट की कीमत बाजार से करीब तीन गुना कम होगी।
निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन की देखरेख में गन्ने की खोई से बहुउत्पाद विकसित करने में पांचवां पेटेंट मिला है। उन्होंने बताया कि सर्फैक्टेंट का केमिकल नाम ओ-अल्काइल पॉली पेंटोसाइड है। इसे खोई में मिलने वाले हेमिकेलुलोज से तैयार किया गया है। साबुन या डिटर्जेंट में झाग बनाने या सफाई करने की क्षमता बढ़ाने में इसका प्रयोग किया जाता है। इसका उपयोग डिटर्जेंट में करीब 10 फीसदी और कॉस्मेटिक व पर्सनल केयर प्रोडक्ट में एक प्रतिशत किया जाता है। अनुष्का ने बताया कि रिसर्च 2017 में शुरू की थी। 2019 में आवेदन किया, 15 जून को पेटेंट ग्रांट मिली है, जिसकी जानकारी दो दिन पहले संस्थान को दी गई है।
यह भी पढ़े – दवा इंडस्ट्री में नंबर वन बनेगा यूपी, उद्यमियों के साथ मुख्य सचिव ने बनाया ये प्लान

10 असफलताओं के बाद ऐसे तैयार हुआ

अनुष्का ने बताया कि 10 असफलताओं के बाद 11वें ट्रायल में निश्चित हुए कि यह सर्फैक्टेंट तैयार किया जा सकता है। फिर लगातार प्रयोग और करीब 20 असफलताओं के बाद सर्फैक्टेंट तैयार करने में सफलता मिली। डॉ. विष्णु के मुताबिक फैटी एसिड का उपयोग करके गन्ने की खोई के ग्लाइकोसिलेशन की प्रक्रिया की। सेल्युलोज व लिग्निन को हटाकर विलयन में सोडियम हाइड्रॉक्साइड मिलाया और नियंत्रित परिस्थितियों में आसवन कर जैव उत्पाद प्राप्त किया।
इमामी व निरमा संग समझौता

प्रो. मोहन के मुताबिक पेटेंट मिलने से पहले ही इमामी व निरमा कंपनी के साथ इस तकनीक के एमओयू को लेकर बात चल रही है। जल्द ही इनके साथ समझौता कर इस तकनीक का इस्तेमाल कॉमर्शियल रूप से किया जाएगा।
अनुष्का के दो अन्य पेटेंट

अनुष्का का यह पहला पेटेंट है। उन्होंने फोर्टीफाइड शुगर और हाइजेनिकली प्रॉसेस विदआउट केमिकल जैगरी पर भी शोध कर तकनीक विकसित की है, जिसका पेटेंट दायर है। अभी ग्रांट नहीं मिली है। अनुष्का को सर्फैक्टेंट के रिसर्च के लिए वर्ष 2018 में केरल में हुए शुगर टेक्नोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया की ओर से गोल्ड मेडल भी मिल चुका है।
50 से 70 रुपये किलो होगी सर्फैक्टेंट की कीमत

प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि वर्तमान में सर्फैक्टेंट 160 से 200 रुपये किलो बिक रहा है। जबकि गन्ने की खोई की कीमत 2 से 3 रुपये प्रति किलो है। 100 किलो में 12 से 15 किलो सर्फैक्टेंट तैयार होगा। पूरा प्रॉसेस करने के बाद इसकी कीमत 50 से 70 रुपये प्रति किलो होगी। उन्होंने बताया कि संस्थान ने पूरी दुनिया में पहली बार नॉन-फूडिंग मैटेरियल या वेस्ट से सर्फैक्टेंट तैयार किया है। अभी तक यह पेट्रोलियम प्रोडक्ट से तैयार किया जाता है, जो हानिकारक होता है। विदेशों में इसे जैविक बनाने के लिए गेहूं, ग्लूकोज या सुक्रोज से तैयार किया जा रहा है।

Hindi News / Kanpur / सर्फेक्टेंट, वह दोस्त जो आपकी स्किन की मासूमियत को रखेगा बरकरार, पर्यावरण का भी पूरा ख्याल

ट्रेंडिंग वीडियो