पिछले साल भी पहुंचे थे परौंख राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 25 जुलाई 2017 को पद की शपथ लेने के बाद बीते वर्ष प्रेसीडेंशियल ट्रेन से यहां पहुंचे थे। 25 जून को उनकी ट्रेन झींझक और रूरा रेलवे स्टेशनों पर रुकी थी। इसके बाद वह कानपुर नगर से 27 जून को अपनी मातृभूमि पर पहुंचे थे। करीब डेढ़ घंटे का समय उन्होंने परौंख में बिताया था। तब वह पथरी माता मंदिर, आंबेडकर पार्क, मिलन केन्द्र के साथ झलकारी बाई इंटर कॉलेज गए थे। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए गांव के लोगों से अगले साल फिर गांव आने का वादा किया था। इसके साथ ही उनकी भाभी ने बताया कि जब वह आंखों के ऑपरेशन के लिए गई थी तो लल्ला ने आने का वादा किया था।
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अब कॉल और डेटा की चुकानी होगी इतनी बड़ी कीमत, टेलीकॉम कंपनियों का बड़ा ऐलान रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति के रूप में दूसरी बार शुक्रवार को अपनी मातृभूमि परौंख पर कदम रखा। इससे पहले वह पिछले साल 27 जून को परौंख आए थे। साल भर के भीतर वह यहां आकर अपना वादा भी निभा रहे हैं। यह इत्तेफाक है कि 27 जून को भी शुक्रवार था। यहां परिवार जनों से मिलने साथ ही 2 घंटे तक पीएम मोदी के साथ रुकेंगे। बता दें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की 2 घंटे की सुरक्षा के लिए 5 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी लगाए है।
जेके घराना करेगा राष्ट्रपति की अगवानी मर्चेंट चैम्बर सचिव महेन्द्र नाथ मोदी ने बताया कि राष्ट्रपति की अगवानी जेके घराने की मुखिया और जेके सीमेंट की चेयरपर्सन सुशीला सिंघानिया करेंगी। कानपुर की पहचान ऐतिहासिक जेके मंदिर की ब्रास कलाकृति उन्हें भेंट की जाएगी। उनके साथ जेके सीमेंट के राघवपत सिंघानिया, माधवकृष्ण सिंघानिया और निधिपति सिंघानिया भी रहेंगे। राष्ट्रपति के लिए चैम्बर में एक सेफ हाउस बनाया गया है। जिसे सुरक्षाबलों ने अपने घेरे में ले लिया है। चैम्बर में राष्ट्रपति सिर्फ पानी पिएंगे। भोजन की कोई व्यवस्था या निर्देश नहीं मिले हैं।