बिठूर थाना क्षेत्र स्थित रामा अस्पताल में कोविड के लेवल-2 मरीजों का उपचार किया जाता है। कल्यानपुर गौतम विहार में रहने वाले रामगोपाल (70) और सिविल लाइंस के नितेश (22) रामा अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती थे। अस्पताल प्रबंधन ने नर्सिंग स्टाफ सुमित वाजपेई को दो रेमडेसिविर इंजेक्शन संक्रमित मरीजों को लगाने के लिए दिए थे। लेकिन सुमित वाजपेई ने संक्रमितों को रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं लगाया, उन्हे अपने पास रख लिए। रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं लग पाने की वजह से रामगोपाल (70) की तबीयत बिगड़ गई, और देररात उनकी मौत हो गई।
सिक्योरिटी गार्ड ने खोली पोल
नर्सिंग स्टाफ सुमित वाजपेई मंगलवार दोपहर अपनी शिफ्ट खत्म होने के बाद घर जा रहा था। इसी दौरान अस्पताल के गेट पर सिक्योरिटी गार्ड ने सुमित वाजपेई की तलाशी ली, उसके पास से दो रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद हुए। सिक्योरिटी गार्ड ने फौरन इसकी सूचना अस्पताल प्रबंधन को दी। अस्पताल प्रबंधन ने हॉस्पिटल के नोडल अधिकारी और पुलिस को घटना की सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने सुमित वाजपेई को अरेस्ट कर लिया।
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गैर इरादतन हत्या की रिपोर्ट दर्ज
अस्पताल के नोडल अधिकारी डॉ दुष्यंत सिंह ने सुमित वाजपेई के खिलाफ बिठूर थाने में गैर इरादतन हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस सुमित वाजपेई से पूछताछ कर रही है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन का कहां इस्तेमाल करने वाला था। इस तरह से पहले भी इंजेक्शन की चोरी की है। कोरोना संक्रमित मरीजों को लगने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन पर अस्पतालों में तैनात नर्सिंग स्टाफ भी नजर गड़ाए बैठे है। अस्पताल प्रबंधन ने संक्रमित मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने को दिया, लेकिन नर्सिंग स्टाफ ने इंजेक्शन नहीं लगाया, और उसे अपने पास रख लिया। जिससे पेशेंट की मौत हो गई।