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कानपुर

‘कहीं मेरी बेटी भी तो लव-जिहाद का शिकार नहीं’, आखिर क्यों लोगों में इतना डर

Love Jihad: उत्तर प्रदेश में लव-जिहाद को लेकर मुख्यमंत्री के तेवर भले ही सख्त हों लेकिन अब मां-बाप को भी डर लगने लगा है।

कानपुरJul 11, 2022 / 09:32 pm

Snigdha Singh

 Parents so Afraid about daughter not a victim of love-jihad

Parents so Afraid about daughter not a victim of love-jihad

मेरी बेटी कहीं लव जेहाद का शिकार तो नहीं बन रही। लड़के वालों का धर्म क्या है, उनकी हैसियत और प्रोफाइल क्या है। क्या विवाह करने के बाद बेटी खुश रह सकेगी। शादी से पहले इस तरह के संशय परिवारों की चिंता बढ़ा रहे हैं। आलम यह है कि ऐसी जानकारियां हासिल करने के लिए लड़की वाले प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी की मदद ले रहे हैं। उनका कहना है कि कानपुर में बढ़त लव जेहाद के मामलों को देखते हुए ऐसा करना मजबूरी है। ऐसे दो मामले हाल ही में सामने आए हैं, जहां परिवार प्रेम विवाह को तो तैयार हो गए पर एजेंसी के जरिए युवक की पूरी सूचना एकत्र कर रहे हैं।
बर्रा और रेलबाजार में दो ऐसे परिवार हैं जो वर्तमान में दिल्ली की डिटेक्टिव एजेंसी के संपर्क में हैं। बर्रा में रहने वाले परिवार की बेटी का दो साल से साथ काम करने वाले युवक से प्रेम संबंध हैं। दोनों दूसरे शहर में नौकरी करते हैं। वहीं, रेलबाजार निवासी परिवार की बेटी के भी डेढ़ साल से प्रेम संबंध हैं। लड़का और लड़की दोनों प्राइवेट कंपनी में इंटर्नशिप के दौरान मिले थे और धीरे-धीरे करीब आते गए। दोनों बेटियों के परिवार वाले लड़के की माली हालत के साथ उनकी आर्थिक स्थिति जानने के लिए डिटेक्टिव एजेंसी के संपर्क में आए। उन्होंने एजेंसी संचालक को यह भी हिदायत दी कि लड़के वालों के धर्म के बारे में भी ठीक से पता करें। इनकी चिंता है कि कहीं बेटी लव जेहाद का शिकार न हो जाए।
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केस बढ़े तो परिजन सतर्क हुए

तत्कालीन आईजी मोहित अग्रवाल के कार्यकाल में शहर में 14 लव जेहाद के मामलों का खुलासा किया गया था। इनमें नौबस्ता में पांच, बाबूपुरवा में एक, गोविंद नगर में दो, चकेरी में एक, कल्याणपुर में एक, पनकी में एक, किदवई नगर में दो और फजलगंज का एक मामला था। केस और बढ़े तो कई परिवार वाले सक्रिय हुए। अहम बात है कि अब लड़कियों में भी इसे लेकर जागरूकता आई है।
पांच में एक मामले में संदेह की रिपोर्ट

डिटेक्टिव एजेंसी संचालक के मुताबिक अब तक कानपुर से उन्होंने पांच ऐसे मामलों में जांच की जिसमें लड़की के परिजनों ने धर्म के बारे में जानकारी जुटाने का टास्क सौंपा था। इसमें एक गोविंद नगर का मामला है जिसमें कुछ शंका है। इसके बारे में परिवार को जानकारी दे दी गई है।

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