scriptमेंटली रूप से डिस्टर्ब हो चुका हूं, लिखकर रेलवे के जूनियर एग्जीक्यूटिव ने लगाई फांसी | Indian Railway Junior Engineer Suicide after writing letter | Patrika News
कानपुर

मेंटली रूप से डिस्टर्ब हो चुका हूं, लिखकर रेलवे के जूनियर एग्जीक्यूटिव ने लगाई फांसी

Suicide: रेलवे के जूनियर इंजीनियर ने मानसिक रूप से थक हार कर अपनी जिंदगी खत्म कर ली। अपने सुसाइड लेटर पर लिखा…

कानपुरJul 08, 2022 / 09:52 pm

Snigdha Singh

Suicide: दो बार आत्महत्या का प्रयास करने के बाद युवती ने लगाई फांसी,  व्यथा का बनाया था वीडियो

Suicide: दो बार आत्महत्या का प्रयास करने के बाद युवती ने लगाई फांसी, व्यथा का बनाया था वीडियो

मैं भानुप्रताप पुत्र राम अवतार कुशवाहा स्वेच्छा से जान देने जा रहा हूं। पिताजी-मां मुझे माफ कर देना। मैंने आपके सपनों को तोड़ा है। आप हमेशा खुश रहना। मेरे बड़े भैया-भाभी, आशिक साक्षी, छोटे भैया-भाभी, विदित आप हमेशा खुश रहना। आप लोगों का बहुत-बहुत धन्यवाद। मुझे इतना सारा प्यार देने के लिए। मां आपकी याद बहुत आती है। मुझे माफ कर देना। मैं अपने आप से हार चुका हूं और हमेशा के लिए अपने आपको खत्म करने जा रहा हूं। ऑफिस के काम को लेकर मेंटली रूप से डिस्टर्ब हो चुका हूं। सुसाइड नोट पर यह दर्दनाक लाइनें लिखकर रावतपुर में रेलवे के जूनियर एग्जीक्यूटिव ने खुदकुशी कर ली।
मूलरूप से हमीरपुर के मौदहा स्थित क्षिरका गांव के रामऔतार कुशवाहा के छोटे बेटे भानुप्रताप (28) रेलवे के उपक्रम डीएफसीसीआईएल में जूनियर एग्जीक्यूटिव थे। राणा प्रताप नगर निवासी आदर्श मिश्रा के मकान में किराए पर रहकर भानुप्रताप सरसौल में बिछाए जा रहे रेलवे ट्रैक का काम देख रहे थे। शुक्रवार सुबह से बड़े भाई राजबहादुर भानु को फोन मिला रहे थे। कई बार घंटी जाने के बाद भी फोन नहीं उठा तो चिंता हुई। उन्होंने छपेड़ा पुलिया निवासी रिश्तेदार नितिन को भानु के घर भेजा। कई बार कमरे का दरवाजा खटखटाने पर भी भानु की ओर से कोई प्रतिक्रया नहीं मिली तो नितिन के धक्का देकर दरवाजा खोला। कमरे के अंदर नायलॉन की रस्सी के सहारे भानु का शव पंखे से लटक रहा था। पुलिस ने पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। कल्याणपुर एसीपी ने बताया कि मृतक ने सुसाइड नोट में स्वत: आत्महत्या की बात लिखी है। कमरे में बीयर की बोतलें मिली हैं। परिजनों की ओर से शिकायत मिली तो कार्रवाई की जाएगी।
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दो जुलाई को हुई थी बात

राम अवतार के बाकी दोनों बेटे भी सरकारी नौकर करते हैं। बड़ा बेटा राजबहादुर मौदहा में पंचायत मित्र जबकि दूसरा बेटा विजय बहादुर झांसी रेलवे में टेक्नीशियन पद पर कार्यरत है। मौके पर पहुंचे बड़े बेटे राजबहादुर ने बताया कि उनकी भानु से आखिरी बार दो जुलाई को बात हुई थी जिसके बाद भानु प्रताप से उनका कोई भी संपर्क नहीं हुआ था। भानुप्रताप ने परिजनों से किसी भी तरह के मानसिक तनाव की बात भी नहीं कही थी। विभागीय लोगों ने बताया कि भानुप्रताप रिजर्व नेचर के थे। विभागीय लोगों से बहुत ज्यादा बात भी नहीं करते थे। हालांकि किसी अधिकारी या विभागीय लोगों से कभी किसी विवाद की सूचना नहीं आई।

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