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कानपुर

संघ से सियासत में: रमेश अवस्थी का कानपुर सफर

रमेश अवस्थी का बचपन संघ की शाखाओं शुरू हुआ। नौकरी का समय आने पर उन्होंने पत्रकारिता को चुना। लेकिन अब कानपुर से भाजपा के प्रत्याशी बन गए हैं।

कानपुरMay 13, 2024 / 04:12 pm

Narendra Awasthi

Ramesh Awashthi
उत्तर प्रदेश की कानपुर लोकसभा सीट पर इस वक्त मतदान जारी है। यहां भाजपा के रमेशी अवस्थी और गठबंधन के प्रत्याशी में टक्कर है। वोटिंग के दिन रमेश अवस्‍थी लोगों से अपने मत का प्रयोग करने की अपील की। अपने बारे में बात करते हुए रमेश अवस्थी ने बचपन से लेकर बाद के दिनों के याद किया।
उन्होंने बताया कि वह एक सामान्य व्यक्ति के जीवन की तरह हैं। उन्होंने अपने साफ मन से कठिनाइयों का सामना किया है। पत्रकारिता में तीन दशक से अधिक का अनुभव रखने वाले रमेश अवस्थी करीब एक दशक से कानपुर-बुंदेलखंड की जनता के बीच सेवाभाव से सियासत में सक्रिय हैं।
कानपुर से भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य रमेश अवस्थी का जन्म एक छोटे से गांव के किसान परिवार में हुआ था। संघ की शाखाओं में अपने बचपन का समय बिताते हुए, युवावस्था में राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में उन्होंने अपनी भूमिका का पालन किया। 1990 में छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में राजनीति में कदम रखने के बाद उन्होंने सामाजिक और पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी कुशल कार्यशैली से देश ही नहीं विदेश में भी मुकाम बनाया।
कानपुर के एस.डी कॉलेज, हलीम मुस्लिम कॉलेज और डीएवी कॉलेज में अपनी पढ़ाई के दौरान रमेश अवस्थी सामाजिक और राजनीतिक कार्यों में लगातार सक्रिय रहे। रमेश अवस्थी कानपुर को अपना परिवार मानते हैं और सबकी मदद के लिए तत्पर रहते हैं।
साधारण मगर शिक्षित और संस्कारी परिवार से ताल्लुक रखने वाले रमेश अवस्थी को जनसेवा की भावना विरासत से मिली। उनके बड़े भाई डॉ. ब्रह्म दत्त अवस्थी 1967 में भारतीय जनसंघ से चुनाव लड़ चुके हैं। ब्रह्मदत्त अवस्थी आपातकाल में जेल भी गए। रमेश अवस्थी स्वयं बाल्यकाल से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े हुए हैं। वो बचपन में अपने पैतृक गांव में संघ की शाखाओं का आयोजन भी किया करते थे।

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