मामला यह है कि, विकास दुबे और उसके गुर्गों ने पुलिस पर फायरिंग कर सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद विकास की पत्नी रिचा दुबे पर नौकर की मर्जी के खिलाफ उसके नाम का सिम इस्तेमाल करने का आरोप लगा था। पुलिस ने इस मामले में रिचा दुबे पर धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की। एंटी डकैती कोर्ट में इसकी सुनवाई चल रही है। रिचा दुबे ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। जिसके बाद रिचा दुबे ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी 30 नवंबर को इस याचिका को खारिज कर दिया।
अगली सुनवाई 13 दिसंबर को तय सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आशीष तिवारी ने बताया कि, सुप्रीम कोर्ट ने रिचा दुबे को मंगलवार तक माती स्थित एंटी डकैती कोर्ट में हाजिर होने के निर्देश दिए।। पर तय समयसीमा में रिचा के समर्पण न करने पर उसके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 13 दिसंबर तय की है।
सुप्रीम कोर्ट ने उठाया सवाल सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा था कि मामले में चार्जशीट दाखिल की गई है। अब एफआईआर खारिज करने की मांग कैसे की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर रद्द करने की याचिका खारिज की कर दी।
हाईकोर्ट में बेल रिट सलमान खुर्शीद ने दाखिल की रिचा दुबे की ओर से सलमान खुर्शीद ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है। दरअसल, बिकरू कांड मामले के मुख्य आरोपी विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज है। रिचा ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी आईपीसी की धारा 419 और 420 के तहत दर्ज एफआईआर रद्द करने से इंकार कर दिया था।