पुलिस ने घेराबंदी कर तीनों को पकड़कर पूछताछ किया तो उन्होंने बताया कि वे लोग आलदंड, बिनागुंडा, वट्टेकाल, पुस्तेर के आसपास के गांव के हैं। पूछताछ के दौरान दो युवक और एक युवती से पूछताछ करने पर पता चला कि वे तीनों नाबालिग हैैं। विस्तार से पूछने पर बताए कि प्रतिबंधित माओवादी रूपी नरेटी, विजय रेड्डी, बलदेव, सुकलाल, शंकर राव, चंदर, राजू सलाम, लोकेश सलाम आदि व इनके अन्य नक्सली साथियों द्वारा उन्हें डरा धमका कर दबाव पूर्वक संगठन में काम करने जैसे सामान ढोने, खाना बनाने एवं अन्य कार्यों के लिए पकड़कर लाया गया था।
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ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि पूर्व में भी नक्सलियों(Naxalite) द्वारा ग्रामीण जन, बालक, बालिकाओं एवं उनके परिजनों को डरा धमकाकर प्रतिबंधित कार्यों में संलिप्त होने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। उक्त नाबालिगों को पुलिस बल द्वारा मुठभेड़ स्थल से सुरक्षित निकालकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पखांजूर में भर्ती कराया गया। उपचार के बाद तीनों नाबालिग बच्चों को किशोर न्याय अधिनियम के उपबंधानुसार जिला बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। शेष ग्रामीणों को उनके परिजनों को तलब कर सुपूर्द किया गया।
पुलिस अधीक्षक सलभ कुमार सिन्हा ने बताया कि 12 फरवरी को आलदंड के जंगल में हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़(Kanker Naxali Encounter) के बाद नक्सलियों के डेरा से तीन नाबालिग 2 बालक एवं 1 बालिका को सकुशल बरामद कर जिला बाल कल्याण समिति के परामर्श के आधार पर उनकी इच्छानुसार पढ़ाई लिखाई एवं अन्य पुनर्वास संबंधित सहायता शीघ्र उपलब्ध कराई जाएगी।