प्राचीन समय में अभी मिलने वाले खाद्य तेल नहीं मिलते थे। बजाय इसके लोग प्राकृतिक तेल का प्रयोग करते थे। इन्हीं में से एक है टोरी का तेल। महुआ के फल यानि टोरी का तेल पहले खाने के लिए प्रयोग किया जाता था। यही नहीं, इस तेल का प्रयोग आदिवासी ठंड के दिनों में अपने हाथ पैर में लगाने के लिए भी करते हैं। कहा जाता है कि इस तेल को लगाने से हाथ पैर की बेरुखी दूर होती है।
कांकेर जिले के करप में रहने वाले गामेश्वर सोरी ने बताया कि आदिवासी ठण्ड के दिनों में अपने हाथ पैर पर मुख्यतः टोरी और कोसुम के तेल का प्रयोग करते हैं। ये तेल ठंड के दिनों में उनके हाथों की नरमी बनाए रखते हैं। पुरातनकाल से ही उनके बड़े बुजुर्ग इन तेलों का प्रयोग करते आ रहे हैं।
और भी फायदे:
बालों के लिए भी फायदेमंद
महुआ के फल यानि टोरी का तेल बालों के लिए भी बहुत फायदेमंद मना जाता है। यदि आप बालों को सिल्की, मजबूत और लंबा करना चाहते हैं तो इसके लिए रोजमेरी के तेल में महुआ के तेल की कुछ बूंदे मिलाकर अपने बालों में लगाएं। ऐसा करने से बाल घने और स्ट्रांग हो जाएंगे।
सूजन मिटाने में कारागर
टोरी का तेल सूजन मिटाने बहुत मदद करता है। यदि आपके शरीर कहीं पर भी दर्द हो रहा है तो आप इसे लगा सकते हैं। यदि कभी जोड़ो में दर्द होता तो आप इसका यूज कर सकते हैं। ये जोड़ों के दर्द को कम करने में कि बहुत फायदेमंद है।