Chhattisgarh News: नाले को पार करना चुनौती
Chahttisgarh News: विकासखंड दुर्गूकोंदल के ग्राम हुलघाट जो कि अंदरूनी इलाका है। कोंडे से हुलघाट जाने वाले मार्ग के मध्य एक बड़ा नाला है। नाला में अभी तक पुल का निर्माण नहीं किया गया जिससे बारिश के समय में जब नदी में पानी भर जाता है तो नाले को पार करना चुनौती पुर्ण हो जाता है। क्योंकि स्कूली बच्चे और ग्रामीणों को रोजाना उसी मार्ग से आना जाना करना होता है। CG Monsoon 2024: अधिक बारिश में बच्चों और ग्रामीणों का आवागमन बंद हो जाता है। पुलिया निर्माण की मांग कई सालों से की जा रही है। लेकिन शासन-प्रशासन पुल बनाने के लिए स्वीकृति नहीं दे रहे हैं। इस कारण हुलघाट के लोग आर्थिक और शैक्षणिक विकास से कोसों दूर होते जा रहे हैं।
पुल नहीं बनना अभिषाप
ग्रामीणों ने बताया कि आधुनिक युग में एक नाले पर पुल नहीं बनना शिक्षा के लिए अभिषाप बनकर खड़ा हो गया है। ग्रामीणों द्वारा सैकड़ों आवेदन थमाने के बाद भी पुल नहीं बन रहा है। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि नाला के दोनों ओर डामरीकरण सड़क बना दिये पर पुल बनाने की स्वीकृति नहीं दी जा रही है। डामरीकरण सड़क बनने के बाद पंचायत, विकासखंड, जिला और प्रदेश से जुड़ने की आस जगी थी। लेकिन सरकार और जिला प्रशासन दोबारा हुलघाट की ओर झांककर नहीं देख रही है।
ग्रामीण देवसिंह आचला ने मांग किया है कि कोंडे से हुलघाट पहुंच मार्ग पर पुलिया की स्वीकृति प्रदान किया जाए और दोड़का, नहूर तक प्रधानमंत्री सड़क निर्माण योजना के तहत सड़क निर्माण कराया जाए ताकि ग्राम पंचायत सराधूघमरे के आश्रित ग्राम लाटमरका, जुई, निरोडाडीही, डोड़काएन्हुर के स्कूली छात्र-छात्राएं निरोण्डाडीही से आठवीं की परीक्षा पास करने के बाद हायर सेकंडरी स्कूल कोंडे में कक्षा 9 वीं में भर्ती होकर पढ़ाई कर सकें।
पुल निर्माण कराया जाए: युवा संगठन
आदिवासी छात्र युवा सगठन ब्लाक अध्यक्ष मानसू आचला और ब्लॉक दुर्गूकोंदल मीडिया प्रभारी देव आचला ने कहा कि बच्चों की भविष्य पर कोई रुकावट ना हो और गांव विकास में तेजी आये। इसलिए पुल निर्माण कराया जाए। कोंडे और हुलघाट के मध्य नाला और लाटमरका, जुई, डोड़का, नहूर और सराधुघमरे के मध्य 6 नालों में अतिशीघ्र पुल निर्माण कराने स्वीकृति प्रदान की जाए।
बच्चों की जान को बना रहता है खतरा
हुलघाट चारो ओर पहाड़ो से घिरा हुआ गावं है। वहां जितने भी नदी नाले है सभी में उन्ही पहाड़ो का पानी तेज बहाव के साथ बहता है। बहाव इतनी तेज होती है कि अगर गलती से बहाव में कोइ आ गया तो उसे जान से हाथ धोना पड़ सकता है। ऐसे में हुलघाट के स्कूली बच्चे उस नदी नालों को रोजना पार कर रहे है जिससे उनकी जान को हमेशा खतरा बना रहता है।
कलेक्टर ने लोगों से किया अपील
कलेक्टर नीलेश कुमार ने अंदुरूनी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से अपील किया है कि वह बारिश के समय देख कर आना-जाना करें। अपनी जान जोखिम में ना डाले और खांस कर स्कूली बच्चे इस तरह जान जोखिम में डालकर नदी पार ना करें। जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार पटेल ने बताया कि अंदुरूनी इलाकों के बच्चों का नदी पार करने का फोटो मेरे पास आया है। मैं बच्चों व माता-पिता से यही कहूंगा की अधिक बारिश होने पर इस तरह अपनी जान जोखिम में डालकर नदी नालों को पार ना करें। क्योकि ऐसा करने से खतरा काफी ज्यादा है ।