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कांकेर

CG School News: ऐसे पढ़ेगा इंडिया? 44 साल में एक बार भी स्कूल की मरम्मत नहीं, खुले आसमान के नीचे पढ़ते हैं बच्चे…

CG School News: शिक्षा विभाग को अभी तक पता नहीं है कि आखिर कितने स्कूलों की मरम्मत हुई है, कितने की नहीं। यह वास्तविक जानकारी नहीं जुटा पाई है। कई स्कूलों के विद्यार्थियों को खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ना मजबूरी बना गया है।

कांकेरAug 25, 2024 / 03:31 pm

Laxmi Vishwakarma

CG School News
CG School News: कांकेर। सरकार द्वारा स्कूल जतन योजना के तहत स्कूलों का मरम्मत कार्य स्कूल खुलने से पहले किया जाता है, ताकि बच्चे स्कूल में अच्छे से पढ़ाई कर सकें। भ्रष्टाचार के चलते स्कूल खुलने के 4-5 माह बाद भी स्कूल मरम्मत का काम पूरा नहीं हुआ है। इसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। पाठशाला खुले आसमान के नीचे लग रही है। इसके चलते बच्चों की पढ़ाई-लिखाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
बच्चों के परिजन, शाला समिति और सरपंच ने भी कई बार स्कूल के खस्ताहाल की शिकायत विभाग व ठेकेदार से की, लेकिन ठेकेदार अपनी मनमानी कर रहा है। आज तक स्कूल की मरम्मत काम अधूरा है। स्कूल पुरी तरह खंडहर में तब्दील हो गया है। स्कूल के अंदर आम का पौधा और घास-फुस भी उग आए हैं।

CG School News: 9.60 लाख की लागत से प्राथमिक शाला के जीर्णोंद्धार की स्वीकृति मिली

जिम्मेदार अधिकारी अब तक इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर ब्लॉक अतंर्गत ग्राम पंचायत बांसकुंड में स्कूल जतन योजना के तहत 9.60 लाख की लागत से प्राथमिक शाला के जीर्णोद्धार की स्वीकृति मिली है। नए सत्र की पढ़ाई शुरू होने के बाद भी स्कूल भवन की मरमत नहीं हो पाई है। ठेकेदार के सुस्त रवैए के चलते बच्चों को आज भी स्कूल भवन से बाहर पढ़ाई करनी पड़ रही है।
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ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदार द्वारा जून जुलाई में मरमत काम की शुरुआत की गई थी, लेकिन अब तक मरम्मत कार्य पूरा नहीं किया गया है। मरम्मत कार्य दो महीने से अधूर छोड़ दिया गया है। इसके चलते स्कूल में पढ़ाई करने वाले बच्चे तो परेशान हैं ही, उनके पालक और शिक्षक भी काफी परेशान हैं। स्कूल मरम्मत कार्य के लिए राशि मंतूर होने के बाद ठेकेदार द्वारा जून में ही काम शुरू कर दिया गया था।

बच्चों के भविष्य को लेकर पालक चिंतित

CG School News: स्कूल की छत निकालकर नया छत लगाया जाना है। इसके लिए दीवार की मरम्मत तो कर दी गई है, लेकिन अभी तक छत नहीं लग पाई है। बीते दो माह से काम बंद पड़ा है। बारिश में छत नहीं होने से पूरा पानी अंदर घुस रहा है। इससे दीवारों पर भी काई लग गई है। नीचे आम का पौधा उग गया है। यह काफी बड़ा भी हो गया है। जंगली झाड़ियां भी उग आई हैं। स्कूल देखने से पूरा खंडहर नजर इा रहा है।
ऐसे में अगर स्कूल की मरम्मत आनन-फानन में पूरी भी कर ली जाती है तो स्कूल भवन बच्चों के बैठने लायक नहीं रहेगा। ठेकेदार की लापरवाही के चलते इस सत्र बच्चों को स्कूल भवन नसीब नहीं है। बच्चों को इस सत्र स्कूल के बाहर ही अपनी पढ़ाई पूरी करनी होगी। अव्यवस्थाओं के चलते बच्चों की पढ़ाई काफी प्रभावित हो रही है। उनके भविष्य को लेकर पालक काफी चिंतित हैं।

ठेकेदार बोलता है- मुझे मेरा काम समझाने की जरूरत नहीं

गांव के उप सरपंच सगनू राम उइके ने बताया, स्कूल मरम्मत कार्य (CG School News) पूरा करने के लिए ठेकेदार को कई बार बोला गया है। ठेकेदार द्वारा कहा जाता है कि मुझे मेरा काम करना समझाने की जरूरत नहीं है। आप लोग मुझे काम मत सिखाइए। मुझे अपना काम करना आता है। मैं अपने हिसाब से काम पूरा करके दे दूंगा। लेकिन, वे काम पूरा करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इसके कारण स्कूल का काम अभी भी अधूरा पड़ा है।

इधर… बासकुंड में छोटे से कमरे में 5वीं तक पढ़ाई

प्राथमिक शाला बांसकुंड में पहली से लेकर कक्षा पांचवी तक की कक्षा है। स्कूल भवन का मरम्मत कार्य पूरा नहीं होने के चलते वर्तमान में बच्चो को गांव में एक छोटा से कक्ष मेें पहेली से लेकर पांचवी तक के बच्चों को बारिश के दिनों में बैठाकर पढाई कराई जा रही है। इससे बच्चों को पढ़ाई में काफी मुश्किलें आ रहीं हैं।
वहीं शिक्षको को भी बच्चों को पढाई कराने में मुश्किलें पैदा हो रही है। शिक्षकों का कहना है कि स्कूल में सभी कक्षा के लिए अलग कक्ष और पढाई कराने का साधन पर्याप्त होता है। यहां पढ़ाई का पर्याप्त साधन भी नहीं है, जिसके चलते हमें बच्चो को पढ़ाई कराने में काफी ज्यादा मुश्किलें पैदा हो रही है। साथ बच्चे एक जगह पर बैठते है, ऐसे में पढ़ाई कराना बहुत मुश्किल है।

CG School News: भविष्य दांव पर लगाकर भुगत रहे हैं खामियाजा

पालकों ने कहा, ठेकेदार तो अपने हिसाब से काम करके देगा। लेकिन, हमारे बच्चे तब तक कहां बैठकर पढाई करेगे? गांव में ऐसा कोई दूसरा भवन भी नहीं है जहां बच्चों को बिठाकर पढ़ाई पूरी करवाई जा सके। अभी बारिश का मौसम है। बारिश होने पर बच्चे स्कूल के बाहर भी बैठकर पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। ठेकेदार की लापरवाही का नातीजा अब बच्चों को अपना भाविष्य दांव पर लगाकर चुकाना पड़ रहा है। ऐसे भी अंदरूनी इलाकों में शिक्षा सही ढंग से पहुंच पाना ही बड़ी चुनौती है। गुणवत्ता की तो बात ही छोड़ दीजिए।
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स्कूल भवनों का निर्माण व मरम्मत अधूरा, मध्याह्न भोजन के बाद हो रही छुट्टी

कांकेर जिला शिक्षा अधिकारी अशोक पटेल कहते हैं कि स्कूल जतन के तहत जितने कार्य स्वीकृत हैं, इसमे से पहले-दूसरे चरण के काम लगभग पूरे हो गए हैं। तीसरे चरण में जो स्वीकृत हैं, वो अधूरे है। इसमें भानुप्रतापपुर ब्लॉक के कई काम अपूर्ण हैं। इसे लेकर जिला पंचायत सीईओ ने बैठक ली है। सभी ठेकेदारो को 15 दिन के भीतर मरम्मत कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया है। जिन ठेकेदारों द्वारा निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है, उन पर कार्रवाई की जाएगी।

मध्याह्न भोजन भी झोपड़ी में बन रहा

स्कूल मरम्मत कार्य पूरा नहीं होने के कारण बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन बनाने के लिए गांववालों ने एक आस्थाई झोपड़ी का निर्माण किया है। यहां मध्यान्ह भोजन बनाया जा रहा है। (CG School News) भोजन बनाने वाली का कहना है कि बारिश नहीं होने पर वह अराम से भोजन तैयार कर लेती है, परंतु बारिश होने पर उसे भोजन तैयार करने में काफी ज्यादा तकलीफ होती है, क्योंकि झोपड़ी से बारिश का पानी टपकने लगता है। इससे भोजन तैयार करने में परेशानी होती है।

पालक शिक्षक के लिए भी कर रहे मांग

प्राथमिक शाला बांसकुंड में 40 बच्चों के लिए मात्र दो शिक्षक पदस्थ है, जो पहली कक्षा से लेकर पांचवी कक्षा तक के बच्चो को पढ़ाई कराते है। उसमेें एक शिक्षक तो प्रधानपाठक का काम संभालता है। ऐसे में एक ही शिक्षक बच्चों को पढ़ाई कराता है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे गांव के बच्चे अच्छे से पढ़ाई नहीं कर पाएंगे, जिसके लिए हमने काई बार शासन-प्रशसन से शिक्षक की मांग भी किया गया है, परंतु आज तक एक भी शिक्षक नहीं दिया गया है।

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