गांव लोग कई बार कलेक्टर, जिला
पंचायत सीईओ से मिले तब से इन्हें आश्वासन के रूप में 2018 की सूची में समिलित कर पीएम आवास और पीएम उज्ज्वला योजना को शामिल करने की बात कही गई है। गांव में झोपड़ी में रहने वाले गरीब योजनाओं से कोसों दूर हैं। ग्रामीणों ने दर्जनों बार प्रशासन के द्वारा लगाए गए शिविरों में पहुंचकर शिकायत की है। लेकिन अब तक समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है। ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव बहिष्कार का निर्णय लिया है।
CG Election: बारिश और गर्मी में ज्यादा परेशानी
पीएम आवास को लेकर पहले भी आवेदन दे चुके है लेकिन अनदेखा ही हो रही है। लोगों की सर्वे सूची नहीं है या करवाए थे, तो उसका कागज कहा है ना सरपंच को पता है, ना ही सचिव को आखिर कहा है। पांच गांवों का ग्राम पंचायत का मुख्यालय है। ग्रामीण ने कहा हर जगह पीएम आवास बन रहा है तो यहां भी बने। यह ग्राम पंचायत का मुख्यालय होने के साथ-साथ यहां 100 परिवार से ज्यादा लोग निवास करते है। यह अभी तक पीएम नहीं मिल पाया जिसके चलते सभी घर जर्जर स्थिति में है। बारिश व गर्मी के समय झिल्ली ढक कर काम चलाना पड़ता है। कई तो ये भी नहीं कर पा रहे है।
सर्वे अधिकारी कर्मचारी की लापरवाही
2011 की सर्वे सूची है.. में सर्वे करने की वाले की लापरवाही कहे या कर्मचारी-अधिकारी के अलावा तत्कालीन सरपंच सचिव है उनका लापरवाही है। एनोर, नर्रिटोला, सोनपाल, पलवी मिलकर हमतवाही ग्राम पंचायत बना है और हमतवाही ही सर्वे सूची से गायब है। गांव का सर्वे सूची ही गायब क्यों हुआ यह गरीबी के साथ खिलवाड़ है। सरकार कह रही गरीब परिवार के पक्का मकान होंगे ऐसे में कहा पक्का मकान बन सकेगा। सैकड़ों बार गांव से 100 किलोमीटर दूर जिलाधीश से गुहार लगा चुके है लेकिन ना काम हुआ, ना किसी संबंधित अधिकारी पर करवाई हुई। गांव का सर्वे सूची गायब होना कही ना कही अधिकारी कर्मचारियाें की लापरवाही है।
सर्वे सूची में नाम नहीं होना गंभीर बात
कांकेर, जिला पंचायत, सीईओ हरेश मंडावी: ग्रामीणों का नाम सर्वे सूची में नहीं होना गंभीर बात है। 2011 की जनगणना सूची में गांव के लोगों का नाम नहीं है। जिसके कारण पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था उसके बाद आवास प्लस योजना में जोड़ने 2018 में इसका सर्वे हुआ है। उसके आधार पर सर्वे जब हुआ तब टेक्निकल इशू आ रहा है जिसमें दूसरे पंचायत का नाम गांव शामिल हो गया है। इस समस्या का हल करने का प्रयास किया जा रहा है। जैसे समस्या हल होती है तो 40 लोगों को प्राथमिकता के क्रम में आवास का लाभ दिलवाएंगे।
गांव में एक भी पक्का मकान नहीं
CG Election: ग्रामीण ने बताया कि हामतवाही गांव में एक भी पक्का मकान नहीं है। लोग मिट्टी के घर में रहते है। कई ग्रामीणों का घर जर्जर स्थिति में है जो अपने घर झिल्ली के पाल से ढककर रह रहे है और
पीएम आवास योजना लाभ मिलने का आस लगाए हुए है। आज तक कोई जनप्रतिनिधि गांव नहीं पहुंचा। ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों से दूरी बनने का ठान लिया है।
इस बार नहीं देंगे वोट
हामतवाही, ग्रामीण महिला: आदिवासी महिला भी पीएम आवास से वंछित है। वोट के समय तो गांव में कई लोग वोट मांगने आते है फिर जीत जाने के बाद से अभी तक कोई नहीं आया। अब हम लोग निर्णय लिए इस बार किसी को वोट नहीं देंगे।