कहा- कांकेर से पुराना नाता
पंडित बागेश्वार धाम सरकार धीरेन्द्र शास्त्री का कांकेर से पुराना नाता है। वह दस साल पहले कांकेर में प्रवचन के लिए पहुंचे थे। उस समय बागेश्वर धाम उतना फेमस नहीं हुए थे। इसी कारण से लोग उस समय बागेश्वर बाबा को नहीं पहचान पाए थे। परंतु इस बार बागेश्वर बाबा एक बार फिर से कांकेर पहुंचे तो हजारों की संख्या में लोग उनके प्रवचन सुनने पहुंचे थे। प्रवचन के दौरान बाबा बागेश्वर धाम ने कहा कि उनका नाता कांकेर से वर्षाें पुराना है। Bageshwar Dham in Chhattisgarh: कहा- हिंदुओं में एकजुटता नहीं है..
वह कांकेरवासियाें से काफी प्रेम करते है। कांकेर में एक बार आकर मैं फिर आप लोगों के बीच प्रवचन देना चाहता हूं परंतु भगवान की इच्छा के सामने नतमस्तक हूं। प्रवचन के दौरान पं. धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि हिंदुओं में एकजुटता नहीं है। आपस में ही लड़ते है। जब धर्म की रक्षा की बात सामने आती है तो हिन्दुओं में एकजुटता नहीं दिखाई देती है, जिसका हिंदू विरोधी फायदा उठाते है। हिंदू भाई-बहनों को धर्मांतरण कराने में सफल हो जाते है। अगर हिन्दू भाई बहनों में हिंदू धर्म का सही ज्ञान होता तो आज कोई भी हिन्दुओं का धर्मांतरण नहीं किया सकता है।
हिन्दू धर्म का सही ज्ञान नहीं है..
Bageshwar Dham in Chhattisgarh: देश में लगातार हिन्दु भाई-बहन अन्य धर्म को अपना रहें है क्योंकि उन्हें हिन्दू धर्म का सही ज्ञान नहीं है। सही ज्ञान नहीं होने के कारण अन्य धर्म गुरूवों के बातो में आसानी से आ जाते है और वह अपने सनातन धर्म को भुलकर अन्य रितीरिवाजों को अपना लेते है। इसिलिए मैने देश के हिन्दुओं को हिन्दू धर्म का सही ज्ञान देने का बीड़ा उठाया है और एक दिन पुरे भारत देश को हिन्दु राष्ट्र में परिवर्तन होता देखूंगा।
नक्सलवाद से ज्यादा देश को धर्मांतरण से खतरा
धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि नक्सलवाद व्यक्ति विशेष को टारगेट करते रहे है जबकि धर्मांतरण पूरे समाज को निशाना बनाकर किया जा रहा है। आज देश को जितना नक्सलवाद से खतरा नहीं है उससे ज्यादा देश में हो रहें धर्मातरण से है जिसे रोकना बेहद जरूरी है।
हिंदू धर्म की रक्षा करने देशभर में करेंगे पदयात्रा
धर्मांतरण को रोकने के लिए पंडित धीरेन्द्र शास्त्री देश भर में पद यात्रा करने की बात भी कही है। बस्तर और जशपुर में जल्द कथावाचन करने की बात कही है। पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के कई इलाके ऐसे है जहां आज भी आसानी से पहुंच नहीं सकते है, ऐसे इलाकों में ही भोले भाले आदिवासियों को लालच देकर धर्मांतरण कराया गया है। उन्होंने कहा कि हिन्दू को छोड़कर बाकी समाज में एकजुटता है लेकिन हिंदुओं में एकजुटता की कमी है और वो अपने हिन्दू समाज को जोड़ने के लिए ही प्रयास कर रहें है जिसके लिए वह पदयात्रा करने की भी तैयारी कर रहें है।