इन सुविधाओं पर मुसीबत – भवन वही पुराना है, बाकी सभी सेटेलाइट व जिला अस्पताल को नए भवन मिले, लेकिन इस अस्पताल को नहीं मिला।
– सोनोग्राफी मशीन खराब है, इसको ठीक करवाने का खर्च ज्यादा है, जिसका बजट मेडिकल कॉलेज से पास नहीं हो रहा।
एनेिस्थसिया डॉक्टर रोज मिले तो काम चले अस्प्ताल प्रभारी नर्सिंग माथुर ने बताया कि हालही में साधारण प्रसव के साथ सिजेरियन प्रसव भी शुरू किया गया है। लेकिन अभी सप्ताह में सिर्फ दो दिन ही एनेिस्थसिया के डॉक्टर आ रहे हैं। इसी कारण दो दिन ही ऑपरेशन हो पा रहे हैं। ऑपरेशन थियेटर बना हुआ है, लेकिन सर्जन के नहीं होने से उसका भी पूरा उपयोग नहीं हो पा रहा।