उन्होंने कृषि के परंपरागत ज्ञान को कृषि शिक्षा में शामिल करने और विश्वविद्यालय के प्रसार केन्द्रों के माध्यम से इस संग्रहित ज्ञान को प्रचारित करने की बात कही। उन्होंने विवि में भविष्य की फ सलों पर चल रहे अनुसंधान, विवि की वेबसाइट पर किसान पोर्टल शुरू व हरित परिसर के लिए की सराहना की।
समारोह के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि कृषि क्षेत्र राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता पर है। उन्होंने कृषि के क्षेत्र में अनुसंधान पर विशेष ध्यान देने और कृषि को तकनीक के साथ जोड़ते हुए कम पानी में अधिक पैदावार देने वाली तथा मिट्टी की गुणवत्ता के अनुरूप फ सलों के उत्पादन पर बल दिया। उन्होंने कृषि विवि जोधपुर को नवीन अनुसंधान व विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।
कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि कोविड-१9 महामारी के दौर में कृषि ही एक मात्र क्षेत्र रहा जिसने देश के सकल घरेलू उत्पादन को मजबूती दी। दीक्षान्त अतिथि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्रा ने कहा कि देश के शुष्क क्षेत्र का 61 प्रतिशत भूभाग राजस्थान में है। इन विपरित परिस्थितियों के बावजूद विभिन्न फ सलों के उत्पादन में देश में प्रथम स्थान रखता है। विश्वविद्यालय कुलपति डॉ बीआर चौधरी ने विवि का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत कर विभिन्न शिक्षा, अनुसंधान व प्रसार गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। कुलसचिव अरुणकुमार पुरोहित ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
समारोह में 273 कृषि स्नातक व 26 स्नातकोत्तर, निष्णात परीक्षाओं में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को वर्ष 2019 व 2020 के लिए गोल्ड मेडल व उपाधि दी गई। 8 विद्यार्थियों में से 5 छात्राओं को स्वर्ण पदक दिया गया।