01 . बाड़मेर इंजीनियरिंग कॉलेज पहला संघटक कॉलेज
एमबीएम विवि एक बहु संकाय विवि होगा, जिसमें इंजीनियङ्क्षरग व टेक्नोलॉजी की विभिन्न शाखाएं होंगी, इसका कार्यक्षेत्र संपूर्ण राजस्थान होगा। यह अन्य महाविद्यालयों को सम्बद्धता प्रदान कर सकेगा। इस साल शुरू हुआ बाड़मेर इंजीनियरिंग कॉलेज इसका पहला संघटक कॉलेज बना है। एआईसीटीई का शैक्षणिक सत्र 2021-22 एक अक्टूबर से शुरू हो रहा है। विवि के शिक्षक इससे पहले ही इसके विवि के रूप में नोटिफाई होने की उम्मीद कर रहे हैं।
एमबीएम विश्वविद्यालय में कुलपति के साथ प्रति कुलपति पद का प्रावधान किया गया है। विवि में सर्वोच्च नियम निर्मात्री संस्था के रूप में सिण्डीकेट की जगह प्रबंध बोर्ड (बॉम) होगा। विवि के भवन निर्माण व आधारभूत सरंचना के लिए राज्य सरकार तात्कालिक तौर पर 10 करोड़ रुपए देगी। इसके बाद हर साल 3 करोड़ आवर्ती व्यय के लिए देने का प्रावधान किया गया है जिसे बढ़ाया भी जा सकता है।
एमबीएम इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज के शिक्षक व कर्मचारी वर्तमान में जयनारायण व्यास विवि के कार्मिक हैं। कॉलेज अलग होने से इंजीनियिरंग संकाय पूरा अलग होगा यानी इंजीनियरिंग के सभी शिक्षक एमबीएम विवि के शिक्षक हो जाएंगे लेकिन कर्मचारियों को लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है।
जेएनवीयू की सालाना आय करीब 110 करोड़ रुपए है। इसमें से 35 करोड़ रुपए की आय एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज से होती है। विवि में करीब 1450 पेंशनर्स है जिनकी सालाना पेंशन सातवें वेतन आयोग के बाद करीब 80 करोड रुपए हो गई है। राज्य सरकार प्रदेश के किसी भी विवि को पेंशन का पैसा नहीं देती है। यह विवि की आय पर भारित होता है। एमबीएम के विवि बनने से जेएनवीयू की माली हालत खराब हो जाएगी और वह पेंशनर्स को पेंशन भी नहीं दे पाएगा।
जोधपुर में अब होंगे विश्वविद्यालय
01-जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय
02. कृषि विश्वविद्यालय
03. राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय
04. डॉ एस आर एस राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय
05. सरदार पटेल पुलिस विश्वविद्यालय
06. एमबीएम विश्वविद्यालय
07. सूचना प्रौद्योगिकी और तकनीकी विश्वविद्यालय (राज्य बजट में घोषित )