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जोधपुर

मरीज के खुद के प्लेटलेट्स से हो रहा घुटनों के दर्द का इलाज

-पीआरपी तकनीक से देश-विदेश के महानगरों में पैन मैनेजमेंट का उपयोग-एम्स की ओर से आयोजित पांच दिवसीय पैन मैनेजमेंट अन्तरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में विशेषज्ञों ने प्रस्तुत की रिसर्च

जोधपुरOct 30, 2018 / 11:21 pm

Kanaram Mundiyar

Treatment of knee pain with patient's own platelets

मरीज के खुद के प्लेटलेट्स से हो रहा घुटनों के दर्द का इलाज

जोधपुर.

लम्बे समय तक घुटनों के दर्द से पीडि़त मरीजों के लिए नवीनतम पद्धति पीआरपी (प्लेटलेट रिच प्लाज्मा) एवं आरएफए (रेडियो फ्रिक्वेंशी एबलेशन) पद्धति काफी इफेक्टिव हो रही है। यह नई पद्धति ऐसे मरीजों के लिए है, जो घुटनों का ऑपरेशन नहीं करना चाहते और बिना ऑपरेशन से दर्द का इलाज चाहते हैं।
देश-विदेश के पैन मैनेजमेंट विशेषज्ञ चिकित्सकों ने मंगलवार को पैन मैनेजमेंट पर अन्तराष्ट्रीय कांफें्रस में इलाज की नई पद्धति पर मंथन किया। जोधपुर के होटल इण्डाना पैलेस में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स एनेस्थिसिया विभाग की ओर से पैन मैनेजमेंट पर पांच दिवसीय कांफ्रेंस में हैदराबाद के डॉ. टी. शिवा प्रसाद एवं दिल्ली से डॉ. साईप्रिया तिवारी ने घुटनों के दर्द के निवारण में पीआरपी तकनीक को कारगर इलाज बताया।
डॉ. प्रसाद ने कहा कि आरएफए तकनीक को उस स्थिति में यूज करना चाहिए, जब निडिल से दवा पहुंचाने या इंजेक्शन से इलाज संभव न हो। तब आरएफए के जरिए उन नसों को ब्लॉक कर दिया जाता है, जो मस्तिष्क तक दर्द का संदेश पहुंचाती है। जब संदेश ही नहीं जाएगा तो घुटनों, हाथ, कमर या अन्य जगह का दर्द महसूस ही नहीं होगा। डॉ. साईप्रिया ने कहा कि पीआरपी तकनीक में मरीज के खून के प्लेटलेट्स लेकर निडिल से जहां पर दर्द है। वहां प्लेटलेट पहुंचा देते हैं। जिससे दर्द बंद हो जाता है।

आयोजन अध्यक्ष डॉ. पीके भाटिया ने बताया कि चौथे दिन की कांफे्रंस में बच्चों के ऑपरेशन व ऑपरेशन के बाद दर्द को कम करने पर मंथन किया गया। चूंकि छोटे बच्चे दर्द के बारे में बोल व बता नहीं सकते, इसलिए उनके दर्द की पहचान करना बेहद जरूरी है। चण्डीगढ़ पीजीआई से डॉ. जितेन्द्र मक्कड़ ने बच्चों के ऑपरेशन के दौरान होने वाले दर्द और ऑपरेशन के बाद दर्द पर अपनी रिसर्च के जरिए विस्तार से बताया।
लखनऊ के सीजीपीआई से डॉ. संजय धीरज ने कमर दर्द पर विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि लोग कमर दर्द को हल्के में लेते हैं और दर्द निवारक दवाइयां खाते रहते हैं। यह गलत है। अब ऐसी तकनीक आ गई है कि एक सुई से ही कमर या स्पाइन में दर्द से राहत मिल सकती है। आयोजन सचिव डॉ. स्वाति छाबड़ा ने बताया कि कांफ्रेंस मेंं लखनऊ, चण्डीगढ़, स्पेन, गोवा, मुम्बई, हैदराबाद, दिल्ली के विशेषज्ञों ने गर्दन के दर्द, तकनीक इस्तेमाल के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए पर चर्चा की गई।
एम्स में दो दिन क्रॉनिक पैन केयर ओपीडी-
कांफ्रेस में एम्स निश्चेतना विभागाध्यक्ष डॉ. पीके भाटिया ने बताया कि एम्स में पेलेटिव एवं क्रॉनिक पैन केयर की ओपीडी चलाई जा रही है। सप्ताह में सोमवार व गुरुवार दो दिन ओपीडी में दोपहर 2 बजे से 4 बजे के बीच पैन रिलीफ पर ही परामर्श दिया जा रहा है।

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