पुलिस अधीक्षक ग्रामीण राम मूर्ति जोशी ने बताया कि जिले की साइबर सैल ने साइबर ठगी की शिकायतों पर वर्ष 2023 व वर्ष 2024 में 2.48 करोड़ रुपए विभिन्न खातों में होल्ड करवाए थे। वर्ष 2024 में 125 शिकायतों में 33,93,072 रुपए रिफण्ड करवाए जा चुके हैं। शेष राशि रिफण्ड करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। साइबर ठगी की शिकायतें मिलने के बाद साइबर सैल के उपाधीक्षक रतनसिंह के निर्देशन में कांस्टेबल पुखराज व दयालसिंह ने यह कार्रवाई की। जिन्हें पुरस्कृत किया गया।
ठगों की 185 सिम ब्लॉक करवाईं
ग्रामीण पुलिस की साइबर सैल ने जिले में गुम होने वाले मोबाइल तलाश भी किए हैं। तकनीकी जांच और आइएमइआइनम्बर के आधार पर साइबर सैल ने साल भर में 126 मोबाइल तलाश कर ढूंढ निकाले और संबंधित मालिकों को सुपुर्द करवाए। इसके अलावा साइबर ठगी करने में काम आने वाली 185 सिम को ब्लॉक करवाया गया।
16 संदिग्ध पकड़े, दो एफआइआर दर्ज
शिकायतों की जांच के दौरान पुलिस ने साइबर ठगी में शामिल 16 संदिग्धों को गिरफ्तार किया। दो जनों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की गई। साइबर सैल की कार्रवाई में रिफण्ड राशि…
वर्ष…………………कुल शिकायत……………रिफण्ड राशि 2023……………..58………………………..35 लाख 68 हजार 835 रुपए 2024……………..125……………………….33 लाख 93 हजार 072 रुपए
साइबर सैल की कार्रवाई में होल्ड राशि…
वर्ष…………………कुल शिकायत……………रिफण्ड राशि 2023……………..1864………………………..96 लाख 2024……………..1736…………………….1.52 करोड़ (आंकड़े पुलिस अधीक्षक ग्रामीण कार्यालय की साइबर सैल के)
पुलिस की अपील…ये सावधानियां बरतें…
– साइबर ठगी होने पर टोल फ्री नम्बर 1930 अथवा cybercrime.gov.in पर लाॅगिन कर तुरन्त शिकायत दर्ज कराएं। – ओटीपी, पिन, सीवीवी नंबर किसी से भी शेयर नहीं करें। – ऑनलाइन एकान्ट्स-नेट बैंकिंग के कॉम्प्लेक्स पासवर्ड रखें। – नाम, मोबाइल नम्बर, जन्मतिथि को पासवर्ड नहीं बनाएं। – लाॅटरी-कैश बैक-रिफण्ड-जोब्स-गिफ्ट आदि ऑनलाइन प्रलोभनों से सावधान रहें। – यूपीआइ पिन व क्यूआर कोड स्कैन का प्रयोग मात्र भुगतान करने के लिए किया जाता है। रुपए प्राप्त करने के लिए नहीं।
– सोशल मीडिया एकाउन्ट्स पर टू स्टेप वैरिफिकेशन या टू फेक्टर ऑथेंटिफिकेशन ऑन रखें। – कस्टमर केयर के नंबर कभी भी गूगल से सर्च न करें। आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त करें। – मोबाइल डिवाइस का जीपीएस-ब्ल्यूटूथ-एनएफसी-हॉटस्पॉट-वाइफाइ जरूरत होने पर ही ऑन रखें।
– अनजान नम्बर से आने वाले वीडियो कॉल रिसीव न करें। न ही फ्रेन्ड रिक्वेस्ट स्वीकार करें। – पब्लिक वाइफाइ ऑनलाइन शॉपिंग या बैकिंग लेन-देन न करें। – अनजान क्यूआर कोड स्केन या लिंक पर क्लिक न करें।
– सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म की डीपी में पुलिस अफसरों की वर्दी पहने फोटो, नाम या किसी परिचित का फोटो दिखाई देने पर तुरंत भरोसा न करें। लेनदेन करने से पहले परिचित व्यक्ति से बात करके सत्यापन करें।
– सोशल साइट पर निजी फोटो-वीडियो शेयर नहीं करें। – आरबीआई से स्वीकृत बैकिंग-नाॅन बैकिंग, वित्तीय संस्थानों के अधिकृत लाेनऐप से ही लाेन लेवें। – डिजिटल अरेस्ट सिर्फ डरा धमकाकर ठगी करने का तरीका है। ऐसा कोई प्रावधान नहीं होता है।
– अपने बैंक खाते को किसी लालच में किराए या अवैध लेन-देन के लिए न देवें। – गलती से किसी के खाते में यूपीआई से धनराशि ट्रांसफर होने पर www.npci.org.in पर शिकायत करें।