पुलिस महानिरीक्षक रेंज जोधपुर विकास कुमार का कहना है कि ट्रोले से जब्त 506 किलो गांजे के मामले में जांच की जा रही है। नेटवर्क में शामिल सभी को गिरफ्तार किया जाएगा। तस्कर गिरोह ट्रोले का इस्तेमाल सिर्फ ड्रग्स तस्करी में ही कर रहे थे। ट्रोला जब ओडिशा गया था तब माल नहीं भरा था। वापस आने के दौरान भी बगैर माल लदे था। बिना माल लदे किसी ट्रोले के दो हजार किमी जाना और लौटना संदेहास्पद था। इसी से जांच शुरू कर तस्करों को पकड़ा गया।
केबिन के पीछे गोपनीय चैम्बर बना रखा था
जब्त ट्रोला शिकारगढ़ निवासी एक व्यक्ति के नाम है। जांच में सामने आएगा कि मालिक वही है अथवा उसने किसी को बेचान कर रखा है। ड्रग्स तस्करी के लिए केबिन के पीछे खाली जगह छोड़कर गोपनीय चैम्बर बनाया हुआ था। उसी में गांजा से भरे दस-दस किलो के 42 और चार-चार किलो के 80 पैकेट छिपाकर लाए गए थे।
5-7 बार पहले भी ड्रग्स लेकर आए
गिरफ्त में आए नांदिया प्रभावती निवासी नरेश बिश्नोई व देवातड़ा निवासी चैनाराम बिश्नोई रिमाण्ड पर हैं और इनसे पूछताछ की जा रही है। आरोपियों ने ओडिशा के मलखानगिरी जिले में जैपोर क्षेत्र से गांजा भरा था। पुलिस को अंदेशा है कि तस्करी में शामिल गिरोह इस ट्रोले से 5-7 बार पहले भी गांजा व अन्य ड्रग्स लेकर आ चुके हैं।
जेल में बंद युवक पर गांजा मंगाने के आरोप लगाए
नरेश व चैनाराम के साथ चार और व्यक्ति भी थे, लेकिन बीच रास्ते में साइक्लोनर टीम के पीछा करने की भनक लग गई थी। तब सभी इधर-उधर भाग गए थे। दोनों आरोपियों से फरार होने वालों के संबंध में पूछताछ की जा रही है। उन्होंने जोधपुर जेल में बंद भवाद गांव निवासी एक व्यक्ति का नाम लिया है। जो करीब एक माह से जेल में बंद है। हालांकि आरोपी उस बंदी के मोबाइल नम्बर पुलिस को बता नहीं पाए हैं। बंदी को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार व पूछताछ करने पर भूमिका स्पष्ट हो पाएगी।