जोधपुर विकास प्राधिकरण (Jodhpur Development Authority) इस सड़क को तीन लेन में विकसित करेगा। हालांकि, रिंग रोड के विस्तार पर सैन्य आपत्ति को लेकर हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt) ने नेशनल हाईवे ऑथोरिटी के प्रार्थना पत्र पर सेना को तीन दिन में लिखित में प्रत्युत्तर पेश करने को कहा है। अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी।
वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश विनीतकुमार माथुर की खंडपीठ में रवि लोढ़ा की ओर से दायर अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान यूनिवर्सिटी के अधिवक्ता राजेश पंवार ने कहा कि सड़क विस्तार को लेकर अनापत्ति आज ही जारी कर दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि बिजली के पोल और पाइप लाइनों की शिफ्टिंग का कार्य भी होगा, जिसके लिए जेडीए को निर्देश दिए जाएं। अतिरिक्त महाधिवक्ता सुनील बेनीवाल ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि इस पर होने वाला खर्च जेडीए उठाएगा।
उन्होंने कहा कि विस्तार के बाद 22 फीट की सड़क 44-45 फीट की हो जाएगी। याची के अधिवक्ता अशोक छंगाणी ने कोर्ट को बताया कि इस सड़क पर वाणिज्यिक वाहनों के आवाजाही की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
सेना से जवाब मांगा
निर्माणाधीन रिंग रोड को लेकर सेना ने दो स्थानों पर आपत्ति की थी। इनमें बनाड़ में एक स्थान पर सेना की आपत्ति को देखते हुए हाईवे ऑथोरिटी ने अपने प्रस्तावित सड़क विस्तार में बदलाव करने का निर्णय कर लिया है, लेकिन नागतालाब स्थित संस्थापन के 900 मीटर तक निर्माण निषिद्ध क्षेत्र की अधिसूचना आड़े आ रही है।
कोर्ट ने असिस्टेंट सोलिसिटर जनरल संजीत पुरोहित को तीन दिन में लिखित में जवाब पेश करने को कहा है। इसके बाद कोर्ट इस बिंदु पर मैरिट पर सुनवाई करेगा।