इनमें सरगना राजू फौजी गत दिनों नागौर और फिर नांदड़ी स्थित कमरे में छुपा था। उसे यह कमरा राजनीतिक दल से जुड़े एक कार्यकर्ता ने अपने मित्र के मार्फत दिलाया था। मूलत: जैसलमेर हाल जोधपुर के एक हिस्ट्रीशीटर व कमरा मालिक में मित्रता है। इस हिस्ट्रीशीटर की चौहाबो थाने के तीन अन्य हिस्ट्रीशीटरों से भी गहरी दोस्ती है। उसने इनामी तस्कर राजू से मुलाकात की और अपने दोस्तों के लिए कैलाश मांजू की हत्या करने के लिए अस्सी लाख रुपए की सुपारी दी। राज्य का मोस्ट वांटेड तस्कर हत्या के लिए तैयार भी हो गया।
इस बीच, चौहाबो थाने के चार हिस्ट्रीशीटरों ने वांटेड तस्कर से मुलाकात भी की। सभी ने मिलकर ४० लाख रुपए जमा भी कर लिए और राजनीतिक दल के कार्यकर्ता को वांटेड तस्कर तक पहुंचाने के लिए देने पहुंचे, लेकिन वह घबरा गया। फिर चारों वांटेड को रुपए देने पहुंचे, लेकिन उसने भी हत्या के बाद एक साथ रुपए लेने का कह दिया। मोस्ट वांटेड के नांदड़ी में छुपे होने की सूचना पर भीलवाड़ा पुलिस ने दबिश भी दी, लेकिन वो फिर बच निकला।
भीलवाड़ा पुलिस ने मोस्ट वांटेड के मददगारों को पकड़ा और पूछताछ शुरू की। राजू फौजी तो फिलहाल पकड़ में नहीं आ सका, लेकिन पनाह देने वालों से हार्डकोर की हत्या की सुपारी देने की बात सामने आ गई। जिसे सुन पुलिस भी सकते में है। अब पुलिस ने हार्डकोर से रंजिश रखने व सुपारी देने वालों को भी हिरासत में लेकर जांच शुरू की।